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देहरादून: राजकीय पॉलीटेक्निक देहरादून में मिनीस्टेडियम का हुआ भूमि-पूजन एव शिलान्यास

राजकीय पॉलीटेक्निक देहरादून में एस०ए०एस० योजनान्तर्गत रू0 852.20 लाख की लागत से “ऑटो मोबाईल गैराज निर्माण एवं उन्नयन कार्य” के निर्माण कार्यों के भूमि-पूजन एवं शिलान्यास सुबोध उनियाल, मा० मंत्री, तकनीकी शिक्षा, वन, भाषा एंव निर्वाचन के कर कमलों से प्राविधिक शिक्षा के निदेशक ( आर०पी० गुप्ता) व अपर निदेशक ( देश राज), विभिन्न अधिकारीगण, पॉलीटेक्निक के प्रधानाचार्य, उत्तराखण्ड पेयजल निगम देहरादून इकाई के परियोजना प्रबन्धक अरविन्द तिवारी, की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।

इस अवसर पर राज्य योजनान्तर्गत रू0 431.39 लाख की लागत से “मिनीस्टेडियम का निर्माणकार्य” का भी भूमि-पूजन एव शिलान्यास किया गया।

राजकीय पॉलीटेक्निक देहरादून वर्ष 1983 मे स्थापित एक पुरानी संस्था है । यहां की मशीनें पुरानी हो गयी थी तथा पाठ्यचर्या परिवर्तन के कारण अप्रासंगिक हो गयी थी, जिस कारण नयी मशीनों की आवश्यकता थी। भवन भी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में था। निदेशालय एवं पॉलीटेक्निक के अथक प्रयास से आज वर्कशाप को नवीनीकृत रूप दिया गया है जिस में छात्र-छात्राओं को पाठ्यचर्या के अनुसार विभिन्न शॉप में पूर्ण प्रयोगात्मक प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है। इस के अतिरिक्त देहरादून को वर्कशाप की नवीनीकरण हेतु एस०ए०एस० योजना के अन्तर्गत आधुनिक मशीनें उपलब्ध करायी जा रही हैं जो कि छात्रों को उच्च प्रशिक्षण के लिए सहायक सिद्ध होंगी। उनके द्वारा इस नवीनीकृत कर्मशाला का लोकार्पण भी किया गया । तथा इसके लिए उन्होंने निदेशक प्राविधिक शिक्षा को बधाई दी।

मा० मंत्री द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि उत्तराखण्ड में छात्रों के पास ज्ञान की कमी नही है लेकिन दूरस्थ स्थानों से आने के कारण उनके प्रस्तुतिकरण, भाषाई सम्बोधन, मुख्यतः अग्रेजी भाषा में बोल चाल आदि में पीछे रहने के कारण राष्ट्रीय स्तर पर हमारी युवा पीढ़ी पीछे रह जाती है। इसी कड़ी में यह प्रयास हैं कि छात्र-छात्राओं को साफ्ट-स्किल में आगे लाया जाए। तद्नुसार राजकीय पॉलीटेक्निक देहरादून में एक उच्चस्तरीय ‘लैंग्वेज लैबोरेट्री’ की स्थापना भी की गयी है, जिसका लोकापर्ण भी इस अवसर पर किया गया। मा० मंत्री द्वारा आशा व्यक्त की गयी कि इससे छात्र-छात्रायें अपनी कम्युनिकेशन-स्किल को सुधार सकेंगे।

इस कड़ी में मा० मंत्री द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि देहरादून के अतिरिक्त 03 अन्य संस्थानों राजकीय पॉलीटेक्निक लोहाघाट, द्वाराहाट एवं काशीपुर में भी मिनीस्टेडियम के निर्माण प्रस्तावित है। इस तरह की वर्कशॉप किसी भी इंजीनियरिंग संस्थान की नींव है। छात्र-छात्राएँ विभिन्न शॉप में प्रशिक्षण लेते हैं।

सरकार की पूरी मंशा है कि छात्र-छात्राओं को उच्च गुणवत्ता परक तकनीकी शिक्षा मिले। छात्रों को जो भी संसाधनों जैसे आधुनिक मशीनें, साज-सज्जा, उपकरण, स्मार्टक्लास रूम, डिजिटल लाईब्रेरी, मिनी स्टेडियम, छात्रावास की आवश्यकता है सरकार उसे पूर्ण करने के लिए कटिबद्ध है। राज्य के छात्र-छात्राएं सर्वोत्तम इंजीनियर बनें, इस दिशा में सरकार एवं विभाग पूर्ण ईमानदारी से प्रयत्नशील हैं।

यह भी अवगत कराया गया कि हाल ही में सम्पन्न इनवेस्टरर्स समिट के माध्यम से रू 3.5 लाख करोड़ के विभिन्न औद्यौगिक समूहों के साथ एम०ओ०यू० हस्ताक्षर किये गये हैं। जिसके फलस्वरूप प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों तेजी से विस्तारित होगीं। उपरोक्त समस्त सुविधाऐं जब राजकीय पॉलीटेक्निक देहरादून एंव अन्य पॉलीटेक्निक संस्थाओं में उपलब्ध होगीं तो छात्रों को उच्च कोटि का प्रशिक्षण प्राप्त होगा। जो कि छात्रों को प्रदेश में ही रोजगार के अधिक से अधिक सुअवसर प्राप्त हो सकेंगे।

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