देहरादून 05 अगस्त 2023,
दिल्ली: भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता वाली कानून एवं कार्मिक मामलों की स्थायी समिति ने सुझाव दिया कि गलत चुनावी शपथ-पत्र प्रस्तुत करने पर सजा को मौजूदा छह महीने से बढ़ाकर अधिकतम दो साल किया जाना चाहिए। यह सुझाव ऐसे समय में आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरनेम मानहांनि केस में राहुल गांधी को मिली अधिकतम दो साल की जेल की सजा पर रोक लगा दी है। जिससे राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाली का रास्ता साफ हो गया है। यदि समिति द्वारा दिए गए सुझावों के अनुसार जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 125 ए में संशोधन किया जाता है तो यह कानून भी आंशिक रूप से संज्ञेय कानून की श्रेणी में आ सकता है। यद्यपि समिति ने अपनी मंशा जाहिर करते हुए कहा कि जुर्माना और जेल केवल असाधारण मामलों में ही लागू किया जाना चाहिए, न कि मामूली गलतियों या अनजाने में हुई गलतियों के लिए। मौजूदा जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 125 ए के अनुसार गलत शपथ-पत्र प्रस्तुत करने पर छह महीने तक की जेल या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता वाली कानून एवं कार्मिक मामलों की स्थायी समिति ने सुझाव दिया है कि, निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने और नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए धारा 125ए के तहत सजा को बढ़ाकर अधिकतम दो साल की कैद और जुर्माने का प्रावधान किया जाना चाहिए।
समिति ने स्पष्ट रूप से कहा कि, गलत शपथ-पत्र प्रस्तुत करना संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन माना जाना चाहिए। और जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 100 की उपधारा 1 (डी) (4) के तहत चुनाव को अमान्य किया जा सकता है।