दिल्ली, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन ईवीएम के वोटों और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपेट) पर्चियों की सौ-फीसदी क्रॉस-चेकिंग की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 16 अप्रैल को सुनवाई हुई। इसमें एडवोकेट प्रशांत भूषण ने दलील दी कि वीवीपेट्स की स्लिप बैलट बॉक्स में डाली जाएं। दत्ता ने कहा कि वहां के एग्जाम्पल हमारे यहां नहीं चलते।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने मामले की सुनवाई की। याचिकाकर्ताओं की तरफ से एडवोकेट प्रशांत भूषण, गोपाल शंकरनाराभूषण एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर ) की तरफ से पेश हुए। मामले में करीब दो घंटे सुनवाई हुई। अब 18 अप्रैल को सुनवाई होगी।
वीवीपेट्स पर्चियों की सौफी वेरिफिकेशन को लेकर एक्टिविस्ट अरुण कुमार अग्रवाल ने अगस्त 2023 में याचिका लगाई गई थी। याचिका में कहा गया कि वोटर्स को वीवीपेट्स की पर्ची फिजिकली वेरिफाई करने का मौका दिया जाना चाहिए। वोटर्स को खुद बैलेट बॉक्स में पर्ची डालने की सुविधा मिलनी चाहिए। इससे चुनाव में गड़बड़ी की आशंका खत्म हो जाएगी।
A hearing was held in the Supreme Court on April 16 regarding the demand for 100 percent cross-checking of VVPAT slips.