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क्षेत्रीय परिषदों ने समस्याओं का समाधान निकालने, फाइनेंसियल इंक्लूसन बढ़ाने और नीतिगत बदलावों में कैटेलिस्ट की भूमिका निभाई है: अमित शाह।

उत्तराखंड, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने हमेशा सहकारी संघवाद की भावना को मजबूत करने पर बल दिया है, इसके तहत क्षेत्रीय परिषदों ने समस्याओं का समाधान निकालने, फाइनेंसियल इंक्लूसन बढ़ाने और नीतिगत बदलावों में कैटेलिस्ट की भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि मध्य क्षेत्रीय परिषद के राज्‍यों ने प्रधानमंत्री श्री मोदी जी के टीम इंडिया के कांसेप्ट को जमीन पर उतारा है। केन्द्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज उत्तराखंड के नरेन्द्र नगर में मध्‍य क्षेत्रीय परिषद की 24वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही।

बैठक में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ शामिल हुए। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हिस्सा लिया। बैठक में छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू और केन्द्रीय गृह सचिव, अंतर राज्य परिषद सचिवालय की सचिव, सदस्य राज्यों के मुख्य सचिव और राज्य सरकारों तथा केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में एशियाई खेलों में भारत द्वारा पहली बार 100 से अधिक पदक जीतकर देश का नाम रोशन करने के लिए सभी खिलाड़ियों का केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आह्वान पर आभार व्यक्त किया गया। बैठक में मध्य क्षेत्रीय परिषद ने चंद्रयान-3 की शानदार सफलता, जी-20 सम्मेलन के सफल आयोजन और संसद द्वारा ऐतिहासिक महिला आरक्षण विधेयक पारित किए जाने का भी स्वागत किया गया।

अध्यक्षीय संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी जी के नेतृत्व में क्षेत्रीय परिषदों की भूमिका सलाहकार से बदलकर एक्शन प्लेटफार्म के रूप में कारगर साबित हुई है। उन्होंने कहा कि मध्‍य क्षेत्रीय परिषद में शा‍मिल, मध्‍य प्रदेश, उत्‍तर प्रदेश, उत्‍तराखण्‍ड और छत्‍तीसगढ़ राज्‍यों का देश के जीडीपी और विकास में बहुत बड़ा योगदान है। श्री शाह ने कहा कि मध्‍य क्षेत्रीय परिषद में शामिल राज्‍य देश में कृषि, पशुपालन, अनाज उत्पादन, खनन, जलापूर्ति और पर्यटन का प्रमुख केन्‍द्र हैं, इन राज्यों के बिना जलापूर्ति की कल्पना ही नहीं की जा सकती।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के देश के किसानों को समृद्ध बनाने के संकल्प को साकार करने की दिशा में उठाए गए महत्वपूर्ण कदम के तहत अब देशभर के किसानों का 100 प्रतिशत दलहन, तिलहन और मक्का न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नैफेड द्वारा खरीदा जाएगा। मध्य क्षेत्रीय परिषद की भोपाल में 22 अगस्त, 2022 को हुई 23वीं बैठक में लाख के उत्पादन को किसान क्रेडिट कार्ड तथा फसल बीमा योजना में शामिल करने पर चर्चा हुई थी। इसके पश्चात लाख उत्पादन के लिए छत्तीसगढ़ और झारखंड में स्केल ऑफ फाइनेंस निर्धारित कर दिया गया है। आज हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि लाख उत्पादन को डिवाइस वेदर बेस्ट क्राप इंश्योरेंस स्कीम में शामिल करने के लिए आइसीएआर द्वारा अध्य्यन किया जाएगा। इसके तहत किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जा रहे हैं और इस निर्णय से लाख उत्पादन से जुड़े किसानों को फायदा होगा। भोपाल में हुई पिछली बैठक में कोदो और कुटकी श्रीअन्न ( माइनर मिलेट्स) उपज के लिए बेंचमार्क मूल्य निर्धारण करने संबंधी निर्णय लिया गया था। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग, भारत सरकार ने 9 अगस्त, 2023 को इस बारे में आदेश जारी कर दिया। आज की बैठक में कोदो और कुटकी उपज के मूल्य को रागी के न्यूनतम समर्थन मूल्य के बराबर तय करने का भी निर्णय लिया गया। इस फैसले से देशभर, विशेषकर मध्य क्षेत्रीय परिषद के सदस्य राज्यों के करोड़ों किसानों को फायदा होगा। साथ ही, बैठक में, 5 किमी के दायरे में हर गांव तक बैंकिंग सुविधा, देश में 2 लाख नई प्राथमिक कृषि ॠण समितियों  पैक्स के गठन, रॉयल्टी और खनन संबंधित मुद्दों और वामपंथी उग्रवाद-प्रभावित जिलों में बुनियादी सुविधाओं के निर्माण जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई।

‌‌श्री शाह ने सहकारिता, स्कूली बच्चों की ड्रॉप आउट दर और कुपोषण जैसे मुद्दों को प्राथमिकता बताते हुए सभी सदस्य राज्यों से इन पर खास ध्यान देने को कहा। उन्होंने बच्चों में कुपोषण दूर करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इस समस्या को पूरी संवेदनशीलता के साथ दूर करना हम सबकी ज़िम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 तक क्षेत्रीय परिषदों की 11 और स्थायी समितियों की 14 बैठकें हुईं, जबकि 2014 से 2023 तक क्षेत्रीय परिषदों की 25 और स्थायी समितियों की 29 बैठकें हुईं हैं। श्री शाह ने बताया कि 2004 से 2014 के बीच कुल 570 मुद्दों पर चर्चा हुई, जिनमें से 448 को सुलझा लिया गया, जबकि 2014 से 2023 के बीच कुल 1315 मुद्दों पर चर्चा हुई जिनमें से 1157 मुद्दों को सुलझा लिया गया।

 

 

 

 

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