देहरादून/दिल्ली,प्रदूषण को कम करने के लिए भारत सरकार डीजल के वाहनों के निर्माण को सीमित किए जाने के पक्ष में है। इस संबंध में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भारतीय कार निर्माताओं को आगाह किया कि, अगर कार निर्माता डीजल कार प्रोडक्शन को सीमित नहीं करते हैं तो सरकार डीजल वाहनों पर टैक्स बढ़ाने के साथ कड़े नियम बनाने के विकल्प का इस्तेमाल कर सकती है।।
डीजल को खतरनाक ईंधन बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बढ़ती मांग के कारण भारत ईंधन आयात पर बहुत अधिक निर्भर हो गया है। उन्होंने कार मेकर्स से पर्यावरण अनुकूल ग्रीन हाइड्रोजन, इथेनॉल जैसे ईंधन पर फोकस करने या इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण को बढ़ावा देने की जरूरत पर बल दिया। मारुति सुजुकी और होंडा जैसी कार निर्माताओं ने डीजल यात्री वाहनों का निर्माण रोक दिया है।
दिल्ली में 63वें वार्षिक एसआईएएम सम्मेलन में बोलते हुए गडकरी ने कहा कि डीजल को अलविदा कहें। कृपया इन्हें बनाना बंद करें, नहीं तो हम टैक्स इतना बढ़ा देंगे कि डीजल कारें बेचना मुश्किल हो जाएगा। हालांकि, नितिन गडकरी ने यह भी कहा कि अभी टैक्स बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है लेकिन कार निर्माताओं ने डीजल वाहनों का निर्माण कम नहीं किया तो सरकार मजबूर होकर ऐसा कर सकती है। नितिन गडकरी ने कहा कि डीजल वाहनों की बिक्री पर अतिरिक्त 10% जीएसटी का सुझाव देने वाली मीडिया रिपोर्टों को स्पष्ट करने की तत्काल आवश्यकता है।
वर्तमान में ऑटोमोबाइल पर 28 प्रतिशत जीएसटी के अलावा 1 से 22 प्रतिशत तक सेस लगता है। एसयूवी पर सबसे अधिक 28 प्रतिशत जीएसटी के साथ 22 प्रतिशत सेस है
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