रोज़गार

औद्योगिक क्रांति के इस युग में, रोजगार की मुख्य प्रेरक-शक्ति प्रौद्योगिकी है और रहेगी:प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी।

देहरादून 21 जुलाई 2023,

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश के इंदौर में आयोजित जी-20 श्रम और रोजगार मंत्रियों की बैठक को आज वीडियो संदेश के माध्यम से सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि,औद्योगिक क्रांति के इस युग में, रोजगार की मुख्य प्रेरक-शक्ति प्रौद्योगिकी है और रहेगी। दुनिया इस समय रोजगार सेक्टर के मद्देनजर कुछ महान बदलावों की दहलीज पर खड़ी है। उन्होंने इस तेज बदलावों को ध्यान में रखते हुये जवाबी और कारगर रणनीतियां तैयार करने की जरूरत पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि चौथी औद्योगिक क्रांति के इस युग में, रोजगार की मुख्य प्रेरक-शक्ति प्रौद्योगिकी है और रहेगी। उन्होंने प्रौद्योगिकी के नेतृत्व में होने वाले बदलावों के हवाले से पिछले दिनों प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में अनेक रोजगारों का सृजन करने में भारत की क्षमता को उजागर किया।

प्रधानमंत्री ने उन्नत प्रौद्योगिकियों और प्रक्रियाओं के इस्तेमाल से श्रमशक्ति को कुशल बनाने पर जोर देते हुये कहा कि स्किलिंग, री-स्किलिंग और अप-स्किलिंग भावी श्रमशक्ति का मूलमंत्र है। उन्होंने भारत के ‘स्किल इंडिया मिशन’ का उदाहरण दिया, जिसने इसे वास्तविकता बना दिया है। उन्होंने ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’ का भी उदाहरण दिया, जिसके तहत अब तक भारत के 12.5 मिलियन युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा, “कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और ड्रोन जैसे उद्योग ‘फोर प्वॉइंट ओ’ सेक्टरों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने भारत के ‘ई-श्रम पोर्टल’ की चर्चा की, जिस पर लगभग 280 मिलियन लोगों ने पंजीकरण कराया है तथा उसके जरिये इन कामगारों को लक्षित करके उनके कल्याण का काम किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि सभी देशों को इसी तरह के समाधानों को अपनाना चाहिये, क्योंकि काम की प्रकृति हर जगह समान होती जा रही है।

प्रधानमंत्री ने संकेत दिया कि हालांकि 2030-एजेंडा में लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना प्राथमिकता है, लेकिन इसके बावजूद अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने जो मौजूदा प्रारूप अपनाया है, उसमें केवल लाभ को ध्यान में रखा गया है। श्री मोदी ने कहा कि भारत में सामाजिक सुरक्षा के दायरे की सही तस्वीर समझने के लिये, सार्वभौमिक स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, बीमा और पेंशन कार्यक्रमों के लाभों को ध्यान में रखना होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि हमें हर देश की अनोखी प्रधानमंत्री ने कहा कि इस व्यवस्था में लाभप्रद रोजगार पैदा करने, खासतौर से युवाओं के लिये रोजगार पैदा करने की अपार क्षमता है। इसके जरिये महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण में भी बदलाव लाया जा सकता है। श्री मोदी ने नये युग के इन कामगारों के लिये नये युग की नीतियां और योजनायें बनाने में अपनी क्षमता पहचानने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि नियमित काम के लिये अवसर पैदा करने के सतत समाधान खोजे जायें तथा सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य व कुशलक्षेम सुनिश्चित करने के लिये नये तौर-तरीके तैयार किये जायें। क्षमताओं, शक्ति और चुनौतियों को समझना होगा। हमें यह जानना होगा कि सबके लिये एकरूपी सोच सामाजिक सुरक्षा के अनवरत वित्तपोषण के लिये उपयुक्त नहीं है

प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि इस बैठक से पूरी दुनिया के सभी कामगारों के कल्याण के लिये एक दमदार संदेश जायेगा। उन्होंने इस क्षेत्र में कुछ अत्यावश्यक विषयों का समाधान करने के लिये सभी गणमान्यों द्वारा किये जाने वाले प्रयासों की सराहना की।

 

 

 

Related posts

उत्तराखंड: मेडिकल कालेजो से वेतन के आभाव में नही छोड़ सकेंगे डॉक्टर नौकरी

Dharmpal Singh Rawat

उत्तराखंड: एक साल में बेरोजगारी दर में आयी इतनी गिरावट

Dharmpal Singh Rawat

1 सितंबर से 320 महिलाओं ने वार्ड और 10 प्लाटून कमांडरों की भर्ती प्रक्रिया शुरू

Leave a Comment