छत्तीसगढ़,आज जैन मुनि संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज ने समाधि ले ली। महाराज जी पिछले कुछ महीनों से छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में थे। 77 वर्षीय आचार्य श्री विद्यासागर का लंबे समय से अस्वास्थ्य थे। तीन दिन पहले ही आचार्य श्री ने अपने शिष्य निर्यापक मुनि श्री समयसागर को आचार्य पद सौंप दिया था। और समाधि मरण की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। आचार्य श्री की समाधि से पूरा जैन समुदाय गहरे शोक में है।
तीन दिन की समाधि के बाद त्यागी देह
जैन समाज के संत शिरोमणि विद्यासागर महाराज ने तीन दिन पहले विधि-विधान से समाधि प्रक्रिया प्रारंभ कर दी थी। इसके तहत उन्होंने अन्न-जल का त्पूर्णयाग कर दिया था। इसके देह त्याग दिया।
संत शिरोमणि विबाद 17-18 फरवरी की रात 02:35 मिनट पर आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी का जन्म 10 अक्टूबर 1946, शरद पूर्णिमा को कर्नाटक के बेलगाम जिले के सदलगा गांव में हुआ। बालक विद्याधर की बचपन से ही धर्म के प्रति आस्था थी। उनके जन्म स्थान पर एक मंदिर और संग्रहालय बना दिया गया है। उन्होंने 1968 में अजमेर में आचार्य शांतिसागर से जैन मुनि के रूप में दीक्षा ग्रहण की, इसके बाद 1972 में 26 साल की उम्र में उन्हें आचार्य पद सौंपा गया।