उत्तराखंड तथ्य

पत्रकार ईश्वरी प्रसाद उनियाल को वर्ष -2022 का ‘डॉ. गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान।

गढ़वाली साप्ताहिक रंत रैबार के सम्पादक एवं प्रकाशक पत्रकार ईश्वरी प्रसाद उनियाल को वर्ष -2022 का ‘डॉ. गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान ‘प्रदान किया गया।‘आखर चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा लोस्तु पट्टी के घण्टाकर्ण देवता मंदिर परिसर,घण्डियालधार में ‘डॉ. गोविन्द चातक जयंती ‘के उपलक्ष्य में डॉ.गोविन्द चातक स्मृति व्याख्यान’ एवं ‘डॉ.गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान ‘ समारोह आयोजित किया गया।

गढ़वाली भाषा के प्रचार -प्रसार में गढ़वाली समाचार पत्रों के माध्यम से अमूल्य योगदान देने हेतु वर्ष -2022 का ‘डॉ. गोविन्द चातक स्मृति आखर साहित्य सम्मान ‘ गढ़वाली साप्ताहिक रंत रैबार के सम्पादक एवं प्रकाशक ईश्वरी प्रसाद उनियाल को प्रदान किया गया। सम्मान स्वरूप उन्हें ग्यारह हजार रुपए की सम्मान राशि के साथ अंग वस्त्र, सम्मान पत्र एवं विशेष आखर स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत लोक परम्परानुसार अतिथियों द्वारा जौ से भरे हुए ‘पाथे ‘ में दीप प्रज्वलन, डॉ.गोविन्द चातक जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पण से हुई । इस अवसर पर राजकीय इंटर कॉलेज धद्दी घंडियाल की छात्राओं- कु.नैशा, कु.नेहा,कु.रिया,कु.मनीषा, कु.सिया ,कु.अंजलि, कु. कोमल,कु. मेघा द्वारा गढ़वाली सरस्वती वंदना एवं मांगलिक प्रस्तुति दी गई।

कार्यक्रम में वक्ताओं द्वारा लोक साहित्य एवं गढ़वाली भाषा एवं लोक साहित्य में डॉ.गोविन्द चातक जी द्वारा दिए गए अवदान को चिरस्मरणीय एवं अतुलनीय बताया गया । साथ ही विस्तारपूर्वक उनके जीवन, व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर बात रखी गई। गढ़वाली भाषा -साहित्य, शिक्षा को समर्पित श्रीनगर गढ़वाल की आखर संस्था विगत सात वर्षों से डॉ. गोविन्द चात क जी की जयन्ती पर यह कार्यक्रम आयोजित कर रही है।

मुख्य अतिथि एवं केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय देवप्रयाग में हिंदी के सहायक प्रोफेसर एवं लोक साहित्य विशेषज्ञ डॉ.वीरेंद्र सिंह बर्त्वाल ने कहा कि- ‘डॉ.चातक जी ने यहां के सम्पूर्ण लोक साहित्य काे लिपिबद्ध करने का अतुलनीय कार्य किया। उन्होंने गढ़वाल के लोक साहित्य को संरक्षित करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे यहां के लोक साहित्य के पहले अनुवादक भी थे।’

ईश्वरी प्रसाद उनियाल ने कहा कि – ‘ डॉ. चातक के साथ गढ़ऐना गढ़वाली दैनिक समाचार पत्र के प्रकाशन के दौरान मेरा उनसे निरंतर पत्राचार होता था। जिसमें गढ़वली भाषा के विकास की बात हुआ करती थी। वो असाधारण प्रतिभा के विद्वान होने पर भी एक साधारण एवं सरल व्यक्ति थे। उन्होंने कहा कि डॉ.गोविन्द चातक के नाम से सम्मान मिलना मेरे लिए गौरव कि बात है।हमने हमेशा अपने गढ़वाली समाचार पत्रों के माध्यम से नए लेखकों को मंच देने की कोशिश की है

इस अवसर पर वक्ता के रूप में हे.न.ब. ग.के. विश्वविद्यालय पौड़ी परिसर की इतिहास की सहायक प्रोफेसर डॉ. नीलम नेगी, विराशिष्ट अतिथि रघुवीर सिंह कंडारी,आखर के अध्यक्ष संदीप रावत , कार्यक्रम संचालन हे.न. ब. गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ. नितेश बौंठियाल, ट्रस्ट के अध्यक्ष संदीप रावत, आखर के भूपेंद्र सिंह नेगी, अनीता काला ने कार्यक्रम को संबोधित किया।

कार्यक्रम में सौरभ बिष्ट,पयांखोसे बृजमोहन गोदियाल,जयवीर सिंह बिष्ट, श्री घण्टाकर्ण देवता के पश्वा सोहन सिंह कैंतुरा,मोलधार से भूपेंद्र सिंह कंडारी, कमलेश कंडारी, देहरादून से आए रघुवीर सिंह कठैत, आखर ट्रस्ट से- रेखा चमोली,साक्षी रावत, भूपेंद्र सिंह नेगी,, पौड़ी से अरुण बिष्ट,लक्ष्मी रावत, हिमांशु, मंदिर समिति से प्रकाश गोदियाल,रघुवीर शेरू भंडारी, श्री घण्टाकर्ण देवता के रावल दिनेश जोशी, मंदिर समिति के अध्यक्ष कैप्टेन सते सिंह भंडारी,सामाजिक कार्यकर्ता रघुवीर सिंह कंडारी ,महिला मंगल दल घण्डियालधार की अध्यक्षा पिंकी देवी, राजेंद्र सिंह कैंतुरा, सोहन सिंह,जिला पंचायत सदस्य अमित मेवाड़, शिक्षक-शिक्षिकाओं, साहित्यिक एवं सामाजिक सरोकारों से जुड़े व्यक्तियों एवं क्षेत्र की जनता की गरिमामयी उपस्थिति रही।

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