उत्तराखण्ड में चार धाम यात्रा को सुगम बनाने और पर्यटन को बढ़ावा दिये जाने के उद्देश्य से उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद और इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन आई.आर.सी.टी.सी. के सहयोग से गढ़वाल क्षेत्र की यात्रा हेतु, केदार बद्री कार्तिक (मुरूगन) कोइल यथिराई नामक एक्सप्रेस ट्रेन शुरू की गयी है। जो 20 जून को मदुरई, चेन्नई से शुरू होकर आज 23 जून 2024 को 165 यात्रियों के साथ योगनगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पहुँची। योगनगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पहुँचे यात्रियों के स्वागत में पर्यटन विभाग की ओर से जिला पर्यटन विकास अधिकारी, देहरादून सुशील नौटियाल एवं साहसिक खेल अधिकारी कुशाल सिंह नेगी उपस्थित रहे।
उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद ने बताया कि, बारह रातें तेरह दिनों की इस यात्रा में सभी यात्रियों को श्री केदारनाथ धाम, श्री बद्रीनाथ धाम और श्री कार्तिक स्वामी मन्दिर आदि की यात्रा करायी जायेगी। साथ ही ट्रेन में यात्रा करने वाले सभी यात्रियों को पहाड़ी व्यंजन भी परोसे जा रहे हैं।ऋषिकेश पहुँचे यात्रियों का पहाड़ी रीति-रिवाजों के साथ जोरदार स्वागत किया गया। इसके उपरान्त सभी यात्रियों द्वारा ऋषिकेश में प्रतिदिन आयोजित होने वाली सांयकालीन गंगा आरती का आनन्द प्राप्त किया गया। आज ये सभी यात्री ऋषिकेश से देवप्रयाग और फिर धारी देवी मन्दिर के दर्शन के उपरान्त रुद्रप्रयाग पहुँचेगे। कार्तिक स्वामी मन्दिर, रूद्रप्रयाग के दर्शन हेतु रवाना किया जायेगा। श्री केदारनाथ धाम के दर्शन करने वाले दल को दिनांक 26 जून को श्री कार्तिक स्वामी मन्दिर तथा श्री कार्तिक स्वामी मन्दिर के दर्शन को गये दल को श्री केदारनाथ धाम के दर्शन कराये जायेंगे। इसके उपरान्त 27 जून को सभी यात्रियों को श्री बद्रीनाथ धाम के दर्शन हेतु रवाना किया जायेगा।
कार्तिक स्वामी रूद्रप्रयाग जिले के पवित्र पर्यटक स्थलों में से एक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव के पुत्र भगवान कार्तिकेय अपने माता-पिता से क्रोधित होकर यहाँ आये थे और तब उन्होंने यहाँ पर अपने शरीर की हड्डियाँ अपने पिता एवं मांस अपनी माता को दिया था। ये हड्डियाँ अभी भी मन्दिर में मौजूद हैं, जिन्हें हजारों भक्त पूजते हैं। दक्षिण भारत में भगवान मुरूगन के नाम से प्रसिद्ध भगवान कार्तिकेय का उत्तर भारत में स्थित यह एक मात्र मन्दिर है।
ट्रेन के बाहर राज्य में आयोजित होने वाली विभिन्न गतिविधियों के साथ ही उत्तराखंड की समृद्ध प्राकृतिक, सांस्कृतिक, स्थापत्य और आध्यात्मिक विरासत प्रदर्शित की गयी है। एक कोच में विभिन्न लोक त्योहारों तो दूसरे कोच पर राज्य के विभिन्न परिधान पहने हुए लोगों को दर्शाया गया है। अन्य डिब्बों पर विभिन्न शक्ति पीठ, शैव मन्दिर, विष्णु मन्दिर आदि के साथ ही और भी अन्य मन्दिरों , महत्वपूर्ण स्थानों को भी दर्शाया गया है। इसके अतिरिक्त राज्य में आयोजित होने वाली विभिन्न गतिविधियों जैसे साहसिक क्रिया कलापों, योगा आदि को भी ट्रेन के बाहरी कोचों पर प्रदर्शित किया गया है साथ ही राज्य में पाये जाने वाले विभिन्न वन्य जीवों को भी ट्रेन के बाहरी कोचों पर दर्शाया गया है। पैंट्री कार कोच में उत्तराखंडी व्यंजनों के विभिन्न व्यंजनों को दर्शाया गया है।
Kedarnath Badri Karthik (Murugan) Koil Yathirai Express train was launched for travel to Garhwal region
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