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खनन निदेशक एसएल पैट्रिक का जोरदार था जलवा जलाल, इस मामले में, रिटायरमेंट से पहले हुए निलंबित

 

Uttarakhand: खनन निदेशक एसएल पैट्रिक निलंबित, अधिकारों के दुरुपयोग समेत कई आरोप लगेआदेश में कहा गया है कि ओम प्रकाश तिवारी ने निदेशक पैट्रिक पर लेन-देन व प्रलोभन के गंभीर आरोप लगाए हैं। इन आरोपों का पैट्रिक ने चैट के माध्यम से दिए गए जवाब में किसी प्रकार का कोई खंडन अथवा विरोध नहीं किया।

 

शासन ने भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशक एसएल पैट्रिक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उन्हें सचिव खनन के कार्यालय में संबद्ध कर दिया गया है। उन पर एक निजी व्यक्ति ओम प्रकाश तिवारी के साथ सरकारी तंत्र को लेकर दुरभि संधि करने, सांठगांठ करने और अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप है। मामला संज्ञान में आने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभाग को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। बता दें कि इसी व्यक्ति पर पैट्रिक ने 50 लाख रुपये की रंगदारी लेने के लिए बंधक बनाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। पैट्रिक 30 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।अपर सचिव लक्ष्मण सिंह ने इस संबंध में निलंबन के आदेश जारी किए हैं

 

आदेश में कहा गया है कि ओम प्रकाश तिवारी ने निदेशक पैट्रिक पर लेन-देन व प्रलोभन के गंभीर आरोप लगाए हैं। इन आरोपों का पैट्रिक ने चैट के माध्यम से दिए गए जवाब में किसी प्रकार का कोई खंडन अथवा विरोध नहीं किया। वाट्सएप चैट से पैट्रिक की एक निजी व्यक्ति से मिलीभगत, शासकीय गोपनीयता भंग करने और पद का दुरुपयोग करना साफ तौर पर दिखाई देता है। जबकि उनसे यह अपेक्षा है कि वह सौंपे गए कार्य व दायित्वों का वह गोपनीयता के साथ निर्वहन करेंगे।किसी भी स्थिति में दायित्वों का दुरुपयोग नहीं करेंगे। आदेश में कहा गया है कि किसी निजी व्यक्ति के निजी स्थान पर जाकर उससे लाभ देने की नीयत से बात करने, किसी व्यक्ति के साथ सरकारी तंत्र को लेकर दुरभि-संधि करने, सांठ-गांठ करने, अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर अनुचित लाभ पहुंचाए जाने का कृत्य नहीं किया जाएगा। लेकिन पैट्रिक ने अपने इन पदीय कर्तव्यों के विपरीत जाकर कृत्य किया, जो अत्यंत गंभीर प्रकृति का होने के साथ-साथ सरकार की छवि खराब करने की श्रेणी का है।

 

पैट्रिक पर ई निविदा सह ई नीलामी एवं अन्य महत्वपूर्ण मामलों में लचर कार्य प्रणाली, उदासीन रवैया और सरकारी कार्यों को समय पर पूरा करने का भी आरोप है। आदेश में कहा गया है कि निदेशालय स्तर पर फाइलें अनावश्यक रूप से लंबित हैं, जिसके चलते स्वीकृत खनन पट्टों की स्वीकृति में विलंब होने से सरकार को राजस्व प्राप्त नहीं हो पाया। पैट्रिक पर विभागीय सरकारी वाहनों को अपने निजी कार्यों में इस्तेमाल करने व पारिवारिक सदस्यों के उपयोग करने और निदेशालय में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को को भी अपने घरेलू कार्यों में लगाए जाने का भी आरोप लगाया गया है।

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