देहरादून, हिट एंड रन मामले में केंद्र सरकार के नए आदेश का अधिकांश ट्रांसपोर्टर्स ,वाहन स्वामियों और वाहन चालकों द्वारा विरोध किया गया है। सरकार से कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं। विरोध के चलते देश के कई जगहों पर वाहनों की हड़ताल का असर देखने को मिला है।
मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन से पहले, हिट एंड रन मामले को आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), 304A (लापरवाही के कारण मौत) 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत केस दर्ज कार्रवाई की जाती थी। जिसमें दो साल की सजा का प्रावधान था। वहीं किसी विशेष केस में आईपीसी की धारा 302 भी जोड़ दी जाती थी।
अब सरकार द्वारा पुराने कानून में संशोधन के बाद सेक्शन 104 (2) के तहत हिट एंड रन की घटना के बाद अगर आरोपी मौका-ए-वारदात से फरार हो जाता है पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचित नहीं करता है, तो चालक पर 10 साल की सजा के साथ 7 लाख का जुर्माना लगाया जा सकता।