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“लोकतंत्र की जननी” के रूप में, संवाद और लोकतान्त्रिक विचारधारा पर अनंत काल से हमारा विश्वास अटूट:प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी।

देहरादून 09 सितंबर 2023,

दिल्ली: जी-20 शिखर सम्मेलन सत्र 1 को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि,भारत, आस्था, अध्यात्म और परंपराओं की डायवर्सिटी की भूमि है। दुनिया के अनेक बड़े धर्मों ने यहां जन्म लिया है। दुनिया के हर धर्म ने यहां सम्मान पाया है। “लोकतंत्र की जननी” के रूप में, संवाद और लोकतान्त्रिक विचारधारा पर अनंत काल से हमारा विश्वास अटूट है। हमारा वैश्विक व्यवहार, ‘वसुधैव कुटुम्बकम’, यानि वर्ल्डस इज वन फैमिली के मूल भाव पर आधारित है। विश्व को एक परिवार मानने का यही भाव, हर भारतीय को वन अर्थ के दायित्व-बोध से भी जोड़ता है।

वन अर्थ की भावना से ही भारत ने लाइफस्टाइल फॉर एनवायरमेंट मिशन की शुरुआत की है। भारत के आग्रह पर, और आप सबके सहयोग से, पूरा विश्व इस साल इंटरनेशनल ईयर आफ मिलैट मना रहा है, और यह भी क्लाइमेट सिक्योरिटी की भावना से जुड़ा हुआ है। इसी भावना के साथ, कआप-26 में भारत ने ” ग्रीन ग्रिड इनीसिएटिव – वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड ” लॉन्च किया था।आज भारत दुनिया के उन देशों में है जहां बहुत बड़े पैमाने पर सोलर रिवॉल्यूशन चल रहा है।

क्लाइमेट की चुनौती को ध्यान में रखते हुए एनर्जी ट्रांजिशन, इक्कीसवीं सदी के विश्व की बहुत बड़ी आवश्यकता है। इनक्लुसिव एनर्जी ट्रांजिशन के लिये ट्रिलियन्स ऑफ़ डॉलर्स की जरूरत है। स्वाभाविक रूप से, इसमें विश्व के विकसित देशों की बहुत बड़ी भूमिका है।

भारत के साथ-साथ ग्लोबल साउथ के सभी देशों को खुशी है कि विकसित देशों ने इस साल, यानि कि 2023 में एक अहम् सकारात्मक पहल की है।विकसित देशों ने क्लाइमेट फाइनेंस के लिए अपने 100 बिलियन डॉलर के कमिटमेंट को पूरा करने की पहली बार इच्छा जाहिर की है। “ग्रीन डेवलपमेंट पैक्ट” को अपना कर, जी-20 ने सस्टेनेबल और ग्रीन ग्रोथ के प्रति अपने दायित्वों का भी निर्वहन किया है।

‌सबका प्रयास की भावना के साथ, आज जी-20 के इस मंच पर भारत के कुछ सुझाव भी हैं। आज समय की मांग है कि सभी देश फ्यूल ब्लेंडिंग के क्षेत्र में साथ मिलकर काम करें। हमारा प्रस्ताव है कि पेट्रोल में इथेनॉल ब्लेंडिंग को ग्लोबल स्तर पर 20 परसेंट तक ले जाने के लिए इनिशिएटिव लिया जाए।

‌या फ़िर, ग्लोबल गुड्स के लिए हम कोई और ब्लेंडिंग मिक्स निकालने पर काम करें, जिससे एनर्जी सप्लाई बनी रहे और क्लाइमेट भी सुरक्षित रहे। इस सन्दर्भ में, आज हम ग्लोबल बायोफिल एलियांज लॉन्च कर रहे हैं। भारत आप सबको इससे जुड़ने के लिए आमंत्रित करता है।

पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए दशकों से कार्बन क्रेडिट की चर्चा चल रही है। कार्बन क्रेडिट इस भावना पर बल देता है कि क्या नहीं करना चाहिए। यह एक नकारात्मक नजरिया है। इस कारण, अक्सर इस बात पर ध्यान नहीं दिया जाता कि क्या सकारात्मक कदम उठाए जाने चाहिए। सकारात्मक क़दमों के लिए प्रोत्साहन की व्यवस्था का अभाव है।

ग्रीन क्रेडिट हमें इसी का रास्ता दिखाता है। इस सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने के लिए, मेरा प्रस्ताव है कि जी-20 के देश, एक “ग्रीन क्रेडिट इनीशिएटिव ” पर काम की शुरुआत करेंगे।

आप सभी भारत के मून मिशन, चंद्रयान, की सफलता से परिचित हैं। इससे उपलब्ध होने वाला डेटा, पूरी मानवता के काम आने वाला है। इसी भावना से, भारत “जी-20 सैटेलाइट मिशन फॉर एनवायरमेंट एंड क्लाइमेट ऑब्जरवेशन ” लॉन्च करने का प्रस्ताव भी रख रहा है।

इससे मिलने वाले क्लाइमेट और वेदर डेटा सभी देशों, विशेषकर ग्लोबल साउथ के देशों के साथ शेयर किये जाएँगे।भारत जी-20 के सभी देशों को इस इनिशिएटिव से जुड़ने के लिए आमंत्रित कर है।

 

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