दिल्ली, कारोबारी दर्शन हीरानंदानी समूह ने अडाणी समूह के बारे में संसद में सवाल उठाने के लिए टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को कथित तौर पर उपहार के रुप में भुगतान किए जाने की बात कही है। हीरानंदानी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बदनाम करने के लिए उद्योगपति गौतम अडाणी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मोइत्रा का इरादा प्रधानमंत्री को बदनाम करना था।
महुआ मोइत्रा ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जिस व्यापारी की सीधी पहुंच प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर तमाम मंत्रियों के कार्यालयों तक हो, वह किसी को उपहार और पैसे क्यों देगा? यह पूरी तरह से समझ के बाहर और तर्कहीन है। उन्होंने कहा कि, मैंने व्यापारी से किसी भी तरह के नकद और उपहार नहीं लिए हैं।
टीएमसी सांसद ने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी समूह के आरोप को षड्यंत्र करार देते हुए कहा कि,बीजेपी सरकार सरकार चाहती है कि मैं अपना मुंह बंद कर लूं और अडानी मुद्दे पर कोई सवाल ना करूं। इसी के लिए यह सब करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस पत्र के पीछे बीजेपी का आईटी सेल भी काम कर रहा हैं। उन्होंने कहा कि मैं इसी तरह से अडानी मुद्दे पर सवाल उठाती रहूंगी, फिर चाहे इसके लिए मुझे कोई भी कीमत क्यों ही ना चुकानी पड़े।
महुआ मोइत्रा सांसद और हीरानंदानी समूह का कैश और उपहार लेकर संसद में सवाल उठाने का मामला लोकसभा की आचार समिति तक पहुंच गया है। शुक्रवार को लोकसभा आचार समिति के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने इस बात की पुष्टि की, कि उन्हें दर्शन हीरानंदानी का लेटर मिला है और जरूरत पड़ने पर वो महुआ मोइत्रा को समन करेंगे। इस बीच महुआ मोइत्रा ने भी विनोद सोनकर पर मामले को मीडिया में ले जाने को लेकर सवाल उठाए हैं। आचार समिति के अध्यक्ष को पहले इस बात की जांच करानी चाहिए कि ये शपथ पत्र लीक कैसे हो ग
या।