किसान

राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस” पर देश भर में 138 करोड़ रुपये की लागत से 20 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को कवर करने वाली 176 मात्स्यिकी परियोजनाओं का वर्चुअल उद्घाटन।

देहरादून 11 जुलाई 2023,

दिल्ली:केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परशोत्तम रूपाला ने मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डॉ संजीव कुमार बालयान, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन, राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के मंत्रियों और अन्य सार्वजनिक प्राधिकरणों की उपस्थिति में आज ऐतिहासिक शहर महाबलीपुरम में मात्स्यिकी स्टार्टअप पर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। यह प्रदर्शनी देश भर में लगभग 12 असाधारण स्टार्टअप के लिए मंच प्रदान कर रही है। प्रदर्शनी राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस बैठक 2023 के हिस्से के रूप में आयोजित की गई थी।

इस सम्मेलन में मत्स्य पालन विभाग की उपलब्धियों का प्रदर्शन किया गया और केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रूपाला ने देश भर में 138 करोड़ रुपये की लागत से 20 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को कवर करने वाली 176 मात्स्यिकी परियोजनाओं का वर्चुअल उद्घाटन किया। 20 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 15,000 लाभार्थियों के जीवन पर इन योजनाओं का सकारात्मक प्रभाव पड़ा। श्री परशोत्तम रूपाला और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने कार्यक्रम में उपस्थित मछली किसानों और मछुआरों जैसे लाभार्थियों के साथ वर्चुअल बातचीत भी की। लाभार्थियों ने परशोत्तम रूपाला के साथ अपने क्षेत्र स्तर के अनुभवों को साझा किया और उनके मुद्दों की भी जानकारी दी। मछुआरों और मछली किसानों के जीवन में प्र्धानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) और किसान कर्ज माफी योजना (केसीसी) के योगदान की सराहना की।

कार्यक्रम के दौरान श्री रूपाला ने मात्स्यिकी स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज के विजेताओं को सम्मानित किया। प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत चयनित स्टार्टअप को अपने नवाचार जारी रखने में मदद करने के लिए 2 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया। उन्होंने बताया कि 1950 से 2014 तक मत्स्य पालन क्षेत्र में निवेश लगभग 3,681 करोड़ रुपये था। वर्ष 2014 में वर्तमान सरकार ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, फिशरीज एंड एक्वाकल्चर इन्फ्रास्टक्रचर डेवलपमेंट फंड (एफआईडीएफ) और अन्य योजनाओं और मूलभूत आवश्यकताओं को समझते हुए मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास के लिए कुल 32,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।

भारतीय मत्स्य पालन क्षेत्र ने वर्ष 2021-22 के दौरान 162.48 लाख टन का रिकॉर्ड मछली उत्पादन किया। अंतर्देशीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि उत्पादन 2014-2015 में 61.36 लाख टन से लगभग दोगुना होकर 2021-2022 में 121.21 लाख टन हो गया, जिसमें मत्स्य पालन क्षेत्र की औसत वार्षिक वृद्धि दर लगभग 9 प्रतिशत, मछली उत्पादन लगभग 7 प्रतिशत और अंतर्देशीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि 2014-15 से लगभग 9 प्रतिशत हो गई। मत्स्य पालन क्षेत्र राष्ट्रीय सकल मूल्य संवर्धन (जीवीए) में लगभग 1 प्रतिशत का योगदान देता है। वर्ष 2014-15 से भारत सरकार के मत्स्य पालन विभाग ने अपनी प्रमुख योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से लगभग 38,992 हेक्टेयर नए जलीय कृषि तालाबों के निर्माण और 8,573 हेक्टेयर खेतों के नवीनीकरण, 19 ब्रूड बैंकों और 1243 हैचरी के निर्माण, 8989 करोड़ रुपये की लागत से 107 मछली पकड़ने के बंदरगाहों और मछली लैंडिंग केंद्रों के निर्माण/आधुनिकीकरण में सहायता की। 38820 जलाशय पिंजरों का विकास, 14471 पुन: संचार प्रणाली और बायोफ्लॉक इकाइयां, 31925 मछली परिवहन सुविधा, 7549 मछली खुदरा बाजार और कियोस्क, 993 फीड मिल, 8085 नई नौकाएं और मछली पकड़ने के जहाज, 8379 पारंपरिक शिल्प, 861 कोल्ड चेन इकाइयों का मोटरीकरण किया गया।

कार्यक्रम को यूट्यूब, ट्विटर और फेसबुक जैसे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर लाइव दिखाया गया। राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस बैठक 2023 में विभिन्न 33 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 260 स्थानों पर मछुआरों, मछली किसानों, विद्वानों, वैज्ञानिकों, आधिकारिक गणमान्य व्यक्तियों सहित लगभग 23,000 हितधारकों ने वर्चुअल रूप से इस कार्यक्रम में भाग लिया।

 

Related posts

उत्तराखंड : किसान के आश्रितों को अब मिलेंगे ढाई लाख रुपए

नेताओं को ईडी का डर दिखाकर लूटा जा रहा है वैसे ही किसानों को बिजली के नाम पर लूटा जा रहा है:राकेश टिकैत।

Dharmpal Singh Rawat

उत्तराखंड: ड्रग्स–फ्री अभियान जारी, 1 अंतरराज्यीय ड्रग्स तस्कर गिरफ्तार

Dharmpal Singh Rawat

Leave a Comment