देहरादून 12 जुलाई 2023,
तमिलनाडु: केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के मत्स्य पालन विभाग ने अन्य हितधारकों के साथ महाबलीपुरम में “राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस’ की बैठक का आयोजन किया और ‘स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव’ मनाया। यह कार्यक्रम 10 जुलाई, 2023 से शुरू हुआ और आज 11 जुलाई, 2023 को तमिलनाडु के ऐतिहासिक शहर महाबलीपुरम में संपन्न हुआ ।
“राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस-2023” पर आयोजित बैठक ने देशभर के मछुआरों और मत्स्य उत्पादकों के योगदान के साथ-साथ सतत् मत्स्य पालन विकास के प्रति उनके समर्पण को पहचानने का अवसर प्रदान किया। पुरातन प्रथाओं को अपनाकर और मत्स्य पालन क्षेत्र की क्षमता का दोहन करके, हम एक समृद्ध भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं, खाद्य सुरक्षा बढ़ा सकते हैं और राष्ट्र के समग्र विकास में योगदान कर सकते हैं। इस बैठक का उद्देश्य मत्स्य संसाधनों को स्थायी रूप से प्रबंधित करने के तरीकों पर सामूहिक रूप से विचार-विमर्श करने के लिए पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना था।
कार्यक्रम के दूसरे दिन का शुभांरभ केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री, परषोत्तम रूपाला, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन की उपस्थिति में हुई। उन्होंने मत्स्य पालन क्षेत्र के बारे में संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रियों के साथ बातचीत की। बातचीत के दौरान सरकार की विभिन्न योजनाओं प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई), फिशरीज एंड एक्वाकल्चर इन्फ्रास्टक्रचर डेवलपमेंट फंड (एफआईडीएफ) और किसान कर्ज माफी योजना (केसीसी) के योगदान की सराहना की। एफआईडीएफ और केसीसी जैसी सरकारी योजनाओं का उपयोग, जिसमें मछुआरों, मत्स्य किसानों और संबंधित हितधारकों के टिकाऊ भविष्य के लिए प्रौद्योगिकियों और नवाचार को अपनाना शामिल है। इस सम्मेलन में मत्स्य पालन के सभी हितधारकों की भागीदारी कार्यक्रम की एक बड़ी सफलता थी।
श्री रूपाला ने राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस बैठक-2023 के दौरान व्यक्त किए गए विभिन्न विचारों के बारे में बातचीत करते हुए कहा कि इनके ठोस परिणाम सामने आएंगे और ये हमारी सामूहिक यात्रा की रूपरेखा तय करेंगे। इस आयोजन के विचार-विमर्श दूर-दूर तक गूंजेंगे और यह सुनिश्चित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे सभी मत्स्य किसानों और मछुआरों के जीवन को प्रभावित करने वाली गतिविधियों में बदल जाएं। श्री रूपाला ने सभी को हार्दिक शुभकामनाएं दीं और ऐसा माहौल बनाने में सहायक बनने की अपील की, जहां विचार पनपें, सहयोग बढ़े और ऐसे नवाचार लाए जाए जिससे मछुआरों और मत्स्य किसानों को मदद मिलेगी।
केंद्रीय सरकार के मत्स्य पालन विभाग के संयुक्त सचिव (आईएफ) सागर मेहरा ने सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को उत्साह से इस कार्यक्रम में भाग लेने पर धन्यवाद दिया। मत्स्य पालन क्षेत्र ने उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि, गुणवत्ता में सुधार, घरेलू मत्स्य की खपत और निर्यात, व्यापार में वृद्धि और अपशिष्ट को कम करने का संकल्प किया, जिससे बेरोजगार युवाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर सृजित होंगे। इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम का उद्देश्य नीली क्रांति, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना जैसी योजनाओं के साथ मत्स्य पालन क्षेत्र में चर्चा के लिए एक मंच प्रदान करना है। इससे मत्स्य पालन क्षेत्र में परिवर्तन, उद्यमिता विकास, व्यापारिक मॉडल का विकास, व्यावसाय करने में आसानी को बढावा देना। नवाचार ओर स्टार्ट-अप एवं इंक्यूबेटर के माध्यम से लोगों के जीवन में सुधार लाया जा सकता है।