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नये संसद भवन में, एक भारत श्रेष्ठ भारत की महक भी है। भारत की सभ्यता और संस्कृति की चेतना भी है। इसमें, हमारी लोकतांत्रिक और संसदीय परंपराओं के सम्मान का प्रण भी है:राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु।

दिल्ली, भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने संसद के समक्ष अपने अभिभाषण की शुरुआत में कहा कि, इस नए संसद भवन में यह मेरा पहला संबोधन है। आज़ादी के अमृतकाल की शुरुआत में यह भव्य भवन बना है। यहां एक भारत श्रेष्ठ भारत की महक भी है। भारत की सभ्यता और संस्कृति की चेतना भी है। इसमें, हमारी लोकतांत्रिक और संसदीय परंपराओं के सम्मान का प्रण भी है। साथ ही, 21वीं सदी के नए भारत के लिए, नई परंपराओं के निर्माण का संकल्प भी है। मुझे पूरा विश्वास है कि इस नए भवन में नीतियों पर सार्थक संवाद होगा। ऐसी नीतियां जो आज़ादी के अमृतकाल में विकसित भारत का निर्माण करेंगी। मैं आप सभी को अपनी शुभकामनाएं देती हूं।

यह हमारे संविधान के लागू होने का भी 75वां वर्ष है।इसी कालखंड में आज़ादी के 75 वर्ष का उत्सव, अमृत महोत्सव भी संपन्न हुआ है। इस दौरान देश भर में अनेक कार्यक्रम हुए। देश ने अपने गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया।75 साल बाद युवा पीढ़ी ने फिर स्वतन्त्रता संग्राम के उस कालखंड को जिया। दुनिया में गंभीर संकटों के बीच भारत सबसे तेज़ी से विकसित होती बड़ी अर्थव्यवस्था बना। लगातार 2 क्वार्टर में भारत की विकास दर 7.5 प्रतिशत से ऊपर रही है। भारत, चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर झंडा फहराने वाला पहला देश बना। भारत ने सफलता के साथ आदित्य मिशन लॉन्च किया, धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर अपनी सैटेलाइट पहुंचाई।

गुलामी के कालखंड से प्रेरित क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम अब इतिहास हो गया है। अब दंड को नहीं, अपितु न्याय को प्राथमिकता है। ‘न्याय सर्वोपरि’ के सिद्धांत पर नई न्याय संहिता देश को मिली है। डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन अधिनियम से डिजिटल स्पेस और सुरक्षित होने वाला है। अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन अधिनियम से देश में रिसर्च और इनोवेशन को बल मिलेगा। जम्मू और कश्मीर आरक्षण कानून से, वहां भी जनजातीय समुदायों को प्रतिनिधित्व का अधिकार मिलेगा। इस दौरान सेंट्रल यूनिवर्सिटी कानून में भी संशोधन किया गया। इससे तेलंगाना में समक्का सरक्का सेंट्रल ट्राइबल यूनिवर्सिटी बनाने का रास्ता सुगम हुआ। पिछले वर्ष 76 अन्य पुराने कानूनों को भी हटाया गया है। जम्मू कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाने को लेकर शंकाएं थीं। आज वे इतिहास हो चुकी हैं। इसी संसद ने तीन तलाक के विरुद्ध कड़ा कानून बनाया।इसी संसद ने हमारे पड़ोसी देशों से आए पीड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने वाला कानून बनाया।

मेरी सरकार ने वन रैंक वन पेंशन को भी लागू किया, जिसका इंतजार चार दशकों से था। ओआररओपी लागू होने के बाद अब तक पूर्व सैनिकों को लगभग 1 लाख करोड़ रुपए मिल चुके हैं।भारतीय सेना में पहली बार चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति भी हुई है।

उत्कलमणि पंडित गोपबंधु दास की अमर पंक्तियां असीम राष्ट्र प्रेम की भावना का सदा संचार करती हैं। उन्होंने कहा था:

मिशु मोर देह ए देश माटिरे,

देशबासी चालि जाआन्तु पिठिरे।

देशर स्वराज्य-पथे जेते गाड़,

पूरु तहिं पड़ि मोर मांस हाड़।

अर्थात्

मेरा शरीर इस देश की माटी के साथ मिल जाए,

देशवासी मेरी पीठ पर से चलते चले जाएं,

देश के स्वराज्य-पथ में जितनी भी खाइयां हैं,

वे मेरे हाड़-मांस से पट जाएं।

इन पंक्तियों में हमें कर्तव्य की पराकाष्ठा दिखती है, ‘राष्ट्र सर्वोपरि’ का आदर्श दिखाई देता है।

आज अर्थव्यवस्था के विभिन्न आयामों को देखें तो यह विश्वास बढ़ता है कि भारत सही दिशा में है तथा सही निर्णय लेते हुए आगे बढ़ रहा है। हमने भारत को फ्रैजाइल फाइव से निकलकर, टॉप फाइव इकॉनॉमीज़ में शामिल होते देखा है। भारत का निर्यात, करीब 450 बिलियन डॉलर से बढ़कर 775 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया है। पहले की तुलना में एफडीआई दोगुना हुआ है। खादी और ग्रामोद्योग के उत्पादों की बिक्री में 4 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। 10 वर्षों में, कैपेक्स 5 गुना बढ़कर 10 लाख करोड़ हो गया है। साथ ही, फिस्कल डेफिसिट भी नियंत्रण में है।

आज हमारे फोरेक्स रिज़र्व 600 अरब डॉलर से ज्यादा हैं।हमारा बैंकिंग सिस्टम जो पहले बुरी तरह से चरमराया था, वह आज दुनिया के सबसे मजबूत बैंकिंग सिस्टम में से एक बना है।

भारत का डिफेंस प्रोडक्शन एक लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच चुका है। आज हर भारतीय, देश में बने एयक्राफ्ट करियर INS विक्रांत को देखकर, गर्व से भरा हुआ है। लड़ाकू विमान तेजस अब हमारी वायुसेना की ताकत बन रहे हैं। C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट का निर्माण भारत में होने जा रहा है।‌आधुनिक एयरक्राफ्ट इंजन भी भारत में बनाया जाएगा।उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में डिफेन्स कॉरिडोर का विकास हो रहा है।

मेरी सरकार, भारत को दुनिया की एक बड़ी स्पेस पावर बनाने में जुटी है। यह मानव जीवन को बेहतर बनाने का एक माध्यम है। साथ ही यह स्पेस इकॉनॉमी में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने का भी प्रयास है। भारत के स्पेस प्रोग्राम के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। इसके कारण अनेक नए स्पेस स्टार्ट-अप्स बने हैं। अब वह दिन दूर नहीं है जब भारत का गगनयान स्पेस में जाएगा।

मेरी सरकार ने भारत को दुनिया की अग्रणी डिजिटल इकॉनॉमीज़ में से एक बनाया है। इससे करोड़ों युवाओं को रोज़गार मिला है।हमारा प्रयास है कि चौथी औद्योगिक क्रांति में भारत दुनिया में सबसे आगे रहे। मेरी सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन पर काम कर रही है। यह भारत के युवाओं को नए अवसर देगा। यह नए स्टार्ट-अप्स के लिए संभावनाएं खोलेगा। इससे कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे। मेरी सरकार ने नेशनल क्वांटम मिशन भी स्वीकृत किया है। क्वांटम कंप्यूटिंग, नए दौर की डिजिटल व्यवस्था बनाएगा। इस क्षेत्र में भारत आगे रहे इसके लिए काम शुरू हो चुका है।

साल 2014 तक देश में 7 एम्स और 390 से भी कम मेडिकल कॉलेज थे। वहीं पिछले दशक में 16 एम्स और 315 मेडिकल कॉलेज स्थापित किए गए हैं। 157 नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं। पिछले दशक में, MBBS की सीटों में दोगुने से भी अधिक की वृद्धि हुई हैI

मेरी सरकार ने देश भर में तीर्थों और ऐतिहासिक स्थलों के विकास पर बल दिया है। इससे अब भारत में तीर्थ यात्रा आसान हुई है। वहीं दुनिया भी, भारत में हैरिटेज टूरिज्म को लेकर आकर्षित हो रही है। बीते एक वर्ष में साढ़े आठ करोड़ लोग काशी गए हैं। 5 करोड़ से अधिक लोगों ने महाकाल के दर्शन किए हैं। उन्नीस लाख से अधिक लोगों ने केदार धाम की यात्रा की है। अयोध्या धाम में ही प्राण प्रतिष्ठा के बाद 5 दिनों में ही 13 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे पूर्व-पश्चिम, उत्तर-दक्षिण, भारत के हर हिस्से में तीर्थ स्थलों पर सुविधाओं का अभूतपूर्व विस्तार हो रहा है।पूरी दुनिया ने भारत में हुए ऐतिहासिक G-20 सम्मेलन की प्रशंसा की। ऐसे बंटे हुए माहौल में भी एकमत से दिल्ली घोषणापत्र जारी होना ऐतिहासिक है। ‘वीमेन लेड डेवलपमेंट’ से लेकर पर्यावरण के मुद्दों तक भारत का विजन, दिल्ली घोषणापत्र की नींव बना है।

आप सभी, करोड़ों भारतीयों की आकांक्षाओं के प्रतिनिधि हैं। आज जो युवा स्कूल-कॉलेज में है, उसके सपने बिल्कुल अलग हैं। हम सभी का यह दायित्व है कि अमृत पीढ़ी के सपनों को पूरा करने में कोई कसर बाकी न रहे। विकसित भारत, हमारी अमृत पीढ़ी के सपनों को साकार करेगा। इसलिए, हम सभी को, एक साथ मिलकर, संकल्पों की सिद्धि के लिए जुटना होगा।

मेरी सरकार, 140 करोड़ देशवासियों के सपनों को पूरा करने की गारंटी के साथ आगे बढ़ रही है। मुझे पूरा विश्वास है कि यह नया संसद भवन भारत की ध्येय-यात्रा को निरंतर ऊर्जा देता रहेगा, नई और स्वस्थ परंपराएं बनाएगा। वर्ष 2047 को देखने के लिए अनेक साथी तब इस सदन में नहीं होंगे। लेकिन हमारी विरासत ऐसी होनी चाहिए कि तब की पीढ़ी हमें याद करे।

 

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