विज्ञान

पीएम मोदी के नेतृत्व में, भारत अब दुनिया को नवीन प्रौद्योगिकियों में आगे बढ़ा रहा है: डॉ. जितेंद्र सिंह।

दिल्ली, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा, टेक्नोक्रेट सिविल सेवा वितरण में मूल्य जोड़ सकते हैं।उन्होंने कहा- टेक्नोक्रेट्स की शैक्षिक पृष्ठभूमि और उनकी विशेषज्ञता प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार द्वारा शुरू किए गए कई प्रमुख योजनाओं को बेहतर ढंग से पूरा करने में मदद कर सकती है, विशेषकर क्योंकि इनमें से अधिकांश जैसे ‘स्वामित्व’, ‘गति शक्ति’, ‘डीबीटी’, डीएलसी का फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी आदि प्रौद्योगिकी संचालित हैं। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने आज आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्र लोक सेवा दिवस समारोह को संबोधित किया।

इस अवसर पर उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत अब नवीन प्रौद्योगिकियों में दुनिया की अगुवाई कर रहा है। हम ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने और 2070 तक नेट ज़ीरो उत्सर्जन हासिल करने के अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं।मंत्री ने कहा, भारत आज इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल, पवन और सौर ऊर्जा सहित गैर-पारंपरिक ऊर्जा के अग्रणी उपयोगकर्ताओं में से एक है और दुनिया की पहली हाइड्रोजन से चलने वाली बस भारत में बनाई गई है। उन्होंने कहा, “दुनिया नेतृत्व के लिए हमारी ओर देख रही है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, हम आज दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में से एक हैं और ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स, 2022 में भारत 81वें से 40वें स्थान पर पहुंच गया है। कोविड महामारी के दौरान, भारत ने न केवल अपनी आबादी की रक्षा की बल्कि दुनिया की भी मदद टीका पहुंचाकर की। हमने दुनिया का पहला डीएनए टीका भी विकसित किया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, हमारा चंद्रयान मिशन चंद्रमा पर पानी के साक्ष्य खोजने वाला पहला मिशन था और आदित्य-एल1 सौर मिशन का नेतृत्व एक महिला निदेशक कर रही हैं। पीएम मोदी ने अंतरिक्ष अनुसंधान और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारत के प्रयासों को एक सक्षम वातावरण प्रदान किया है। उन्होंने कहा”आज दुनिया भारत की अगुवाई के लिए तैयार है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस और अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष की घोषणा हमारे बढ़ते कद का प्रमाण है। अब हम भारतीयों के लिए आगे बढ़कर इस अवसर का लाभ उठाने का समय है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, आज के समय में आईआईटी इंजीनियरों की भूमिका ‘सक्रिय’और ‘निष्क्रिय’दोनों है, – ‘सक्रिय’, इसलिए क्योंकि उन्हें समाज उच्च शिक्षित, विशेषज्ञ, और तकनीक की समझ रखने वाले के रूप में देखता है, जबकि आईआईटीयन भी उसी समाज के सदस्य हैं, उनकी जिम्मेदारी है कि वे जिस समाज में रहते हैं और जिसका हिस्सा हैं, उसे बिना किसी डर के प्रेरित करें। आज का युवा न केवल नौकरी तलाश रहा है बल्कि, अपने स्टार्टअप के साथ उद्यमी बनकर नौकरी प्रदाता के रूप में भी काम कर रहे हैं।

 

 

 

 

 

 

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