विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन के लिए संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वक्तव्य जारी किया है। उन्होंने कहा कि,संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के आमंत्रण पर, कॉप-28 के विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दुबई की यात्रा पर जा रहा हूं। यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम संयुक्त अरब अमीरात की अध्यक्षता में आयोजित किया जा रहा है, जो जलवायु कार्रवाई के क्षेत्र में भारत का एक महत्वपूर्ण भागीदार रहा है।
हमारी जी-20 अध्यक्षता के दौरान, जलवायु हमारी प्राथमिकता में प्रमुख रही थी। नई दिल्ली नेताओं की घोषणा में जलवायु कार्रवाई और सतत विकास पर कई ठोस कदम शामिल किये गए हैं। मुझे उम्मीद है कि कॉप-28 इन मुद्दों पर आम सहमति को आगे बढ़ाएगा। कॉप-28, पेरिस समझौते के तहत हुई प्रगति की समीक्षा करने और जलवायु कार्रवाई पर भविष्य की कार्यप्रणाली के लिए एक रास्ता तैयार करने का भी अवसर प्रदान करेगा। भारत द्वारा आयोजित वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन में, ग्लोबल साउथ के देशों ने समानता, जलवायु न्याय और साझा परन्तु अलग-अलग जिम्मेदारियों के साथ-साथ अनुकूलन पर अधिक ध्यान के सिद्धांतों के आधार पर जलवायु कार्रवाई की आवश्यकता की बात कही थी। यह महत्वपूर्ण है कि विकासशील दुनिया के प्रयासों को पर्याप्त जलवायु वित्तपोषण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ समर्थन दिया जाए। सतत विकास हासिल करने के लिए उनके पास न्यायसंगत कार्बन और विकास तक पहुंच होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा, जब जलवायु कार्रवाई की बात आती है तो भारत ने हमेशा इसे आगे बढ़ाया है। नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, वनीकरण, ऊर्जा संरक्षण, मिशन लाइफ जैसे विभिन्न क्षेत्रों में हमारी उपलब्धियाँ, धरती माता के प्रति हमारे लोगों की प्रतिबद्धता का प्रमाण देती हैं। उन्होंने जलवायु वित्त, ग्रीन क्रेडिट पहल और लीड आईटी सहित विशेष कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए उत्सुक जताई। दुबई में मौजूद कुछ अन्य राजनेताओं से मिलने और वैश्विक जलवायु कार्रवाई में तेजी लाने के तरीकों पर चर्चा करने के अवसर की भी प्रतीक्षा कर रहा हूं।
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