राज्य में एसडीआरएफ आईआरबी आदि बनने से बेसिक डीएसपी के पद बढ़ गए। इससे इन पदों की संख्या 143 हो गई। लेकिन कभी भी पूरे कैडर का रिव्यू नहीं किया गया। ऐसे में एएसपी के पद जस के तस बने हुए थे। काफी लंबे समय से कैडर रिव्यू की बात कही जा रही थी।राज्य बनने के बाद पहली बार प्रांतीय पुलिस सेवा कैडर के पदों का रिव्यू हुआ है। इसमें बाद अब धामी सरकार ने कैबिनेट में 13 पदों की बढ़ोतरी का फैसला ले लिया ।
इसके बाद प्रदेश में पीपीएस के 156 पद हो गए हैं । हालांकि, वर्तमान में भी मौजूदा पदों के सापेक्ष पीपीएस अधिकारियों की बेहद कमी चल रही है।बता दें कि वर्ष 2000 में राज्य बनने के बाद पीपीएस अधिकारियों के 103 पद थे। कालांतर में राज्य में एसडीआरएफ आईआरबी आदि बनने से बेसिक डीएसपी के पद बढ़ गए। इससे इन पदों की संख्या 143 हो गई। लेकिन कभी भी पूरे कैडर का रिव्यू नहीं किया गया। ऐसे में एएसपी के पद जस के तस बने हुए थे। काफी लंबे समय से कैडर रिव्यू की बात कही जा रही थी।
पिछले दिनों गृह विभाग की ओर से कैडर रिव्यू के लिए सहमति बनी और पुलिस विभाग से प्रस्ताव मांगा गया था। इसके लिए पुलिस मुख्यालय से प्रदेश में 26 पीपीएस अधिकारियों के पद बढ़ाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था। इनमें डीएसपी और एएसपी के पद शामिल हैं।जिसके बाद कैबिनेट ने 13 पदों क़ो बढ़ाने का फैसला कर लिया हैं
ऐसे में अब प्रदेश में पीपीएस अधिकारियों के 156 पद हो गए हैं । इस वक्त प्रदेश में कुल 100 पीपीएस अधिकारी मौजूद हैं। इस हिसाब से वर्तमान स्थिति के अनुसार भी 56 पीपीएस अधिकारियों की कमी है।