देहरादून 03 अगस्त 2023,
दिल्ली: प्रेस एवं नियत कालिक पत्रिका रजिस्ट्रीकरण विधेयक 2023 को राज्यसभा में आज ध्वनिमत से पारित कर दिया गया है। जिसमें प्रकाशकों के लिए पत्र-पत्रिकाओं के पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल और आनलाइन बनाने सहित कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं।
राज्य सभा में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा रखे गये इस विधेयक को संक्षिप्त चर्चा के बाद विपक्षी सांसदों की अनुपस्थिति में ध्वनिमत से पारित कर दिया। विपक्षी दलों द्वारा मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री के बयान की मांग को लेकर आज भी वाकआउट किया गया था। यह विधेयक 1867 में अंग्रेजों के बनाए कानून की जगह लेगा। अंग्रेज शासक प्रेस पर नियंत्रण के लिए यह कानून लाये थे।” उन्होंने कहा कि पुराने कानून में छोटी-मोटी गलतियों को एक अपराध मान कर जेल में डालने या अन्य दंड का प्रावधान था लेकिन नए विधेयक में इसे खत्म करने के लिए उचित कदम उठाए गए हैं। इसमें कहा गया है कि सरकार प्रेस की आजादी को मान्यता देते हुए इसके कामकाज को सरल एवं बाधा रहित बनाना चाहती है। इसमें पत्र-पत्रिकाओं के नाम एवं पंजीकरण की प्रक्रिया को आनलाइन बनाने का प्रावधान है।
प्रेस एवं नियत कालिक पत्रिका रजिस्ट्रीकरण विधेयक 2023 के तहत अब मुद्रकों को जिलाधिकारी या स्थानीय अधिकारियों के समक्ष घोषणापत्र देने की अनिवार्यता को समाप्त करने का प्रावधान है। विधेयक में कुछ नियमों को अपराध की श्रेणी से हटाते हुए उनके स्थान पर अर्थदंड लगाने तथा भारतीय प्रेस परिषद के प्रमुख की अध्यक्षता में अधिकरण के गठन का प्रावधान है।
विदेशी पत्र-पत्रिकाओं के भारत में प्रतिकृति संस्करण के लिए सरकार से पूर्वानुमति लेने को अनिवार्य बनाने का भी प्रावधान किया गया है।