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पुलिस को , रिएक्टिंग और रेसपोन्सिंग पुलिसिंग से आगे बढ़कर प्रिवेन्टिव प्रेडिक्टव और प्रो-एक्टिव पुलिसिंग को अपनाना होगा: अमित शाह।

हैदराबाद, केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद में 75 आरआर भारतीय पुलिस सेवा बैच के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर तेलंगाना की राज्यपाल, केन्द्रीय गृह सचिव, निदेशक, सूचना ब्यूरो और निदेशक, सीबीआई सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि,अब पुलिस को , रिएक्टिंग और रेसपोन्सिंग पुलिसिंग कार्यशैली से आगे बढ़कर प्रिवेन्टिव प्रेडिक्टव और प्रो-एक्टिव पुलिसिंग को अपनाना होगा। आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति से आगे बढ़कर जीरो टॉलरेंस स्ट्रेटेजी और जीरो टॉलरेंस एक्शन की ओर जाना होगा। मोदी सरकार वन डाटा, वन एंट्री के सिद्धांत के साथ आंतरिक सुरक्षा के हर क्षेत्र का डेटाबेस बना रही है और इसे इंटीग्रेट भी कर रही। आशा है तीन नए क्रिमिनल लॉ को जमीनी स्तर पर लेटर एंड स्पिरिट के साथ लागू करना इन नए प्रशिक्षु अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी । पुलिस अधिकारियों को गरीब व कमजोर वर्गों के प्रति हमेशा संवेदनशील और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा प्रोएक्टिव रहना चाहिए।

आज यहां से निकल रहे 75वें बैच के प्रशिक्षुओं की ये जिम्मेदारी कि वे इस इतिहास को आगे ले जाएं और उसमें कई स्वर्णिम अध्याय जोड़ें। आज यहां से 175 प्रशिक्षु बेसिक कोर्स का प्रशिक्षण पूरा कर निकलेंगे, जिनमें भूटान, मालदीव, मॉरीशस और नेपाल के 20 विदेशी अधिकारी शामिल हैं। इन कुल 175 प्रशिक्षु अधिकारियों में 34 महिला अधिकारी भी शामिल हैं।

श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 9 सालों में वन डाटा, वन एंट्री के सिद्धांत के साथ आंतरिक सुरक्षा के हर क्षेत्र में डेटाबेस को बनाने का काम किया है। विभिन्न डेटाबेस में इंटीग्रेशन तथा आपस में कम्युनिकेशन की व्यवस्था भी की जा रही है। इसके अलावा एनालिटिक टूल्स से सभी एजेंसियों को युक्त कर उनकी स्ट्रैंथ बढ़ाने का काम भी हो रहा है। आईसीजेएस में सीसीटीएनएस के माध्यम से 99.93%, यानी, 16,733 पुलिस स्टेशनों में सीसीटीएनएस को लागू किया गया है। ई-कोर्ट के माध्यम से 22000 अदालतें जुड़ चुकी हैं, ई-प्रिजन से लगभग 2 करोड़ कैदियों का डेटा उपलब्ध है, ई-प्रॉसीक्यूशन से एक करोड़ से अधिक अभियोजन का डेटा ऑनलाइन उपलब्ध है, ई- फॉरेंसिक के माध्यम से 17 लाख से अधिक फॉरेंसिक डाटा भी उपलब्ध है। एनएएफआईएस में 90 लाख से अधिक फिंगरप्रिंट का रिकॉर्ड उपलब्ध है, इंटीग्रेटेड मॉनिटरिंग आफ टेररिज्म में भी काफी सारा डेटा उपलब्ध है, निदान के माध्यम से अरेस्‍टेड नारको ऑफेंडर्स का डेटा उपलब्ध है, क्राइम मल्टी एजेंसी सेंटर में भी साइबर क्राईम रिर्पोटिंग पोर्टल और प्रिज़न डेटाबेस में भी बायोमैट्रिक डाटा हमने उपलब्ध कराया है। श्री शाह ने पुलिस अधिकारियों से इन सभी डेटाबेस और एनालिटिक टूल्स के माध्यम से काम करने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर पुलिस उपयोग कर पुलिस को हमेशा दो कदम आगे रखने के लिए कहा।

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