दिल्ली, 18वीं लोकसभा के पहले सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार 50 वर्ष पूर्व लगाए गए आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर हमलावर नजर आई। आपातकाल का जिक्र राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू के अभिभाषण, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं अनेक केन्द्रीय मंत्रियों के संबोधन में देखने को मिला। सत्ता पक्ष ने आपातकाल को अहम् मुद्दा बना कर इंडिया गठबंधन के बड़े घटक दल कांग्रेस को घेरने की रणनीति बनाई।
वहीं कांग्रेस के साथ विपक्ष ने आक्रामकता के साथ नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) पेपर लीक पर सरकार को सदन घेरा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी ने नीट का मुद्दा सदन में उठाया। इस बीच अब कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मीडिया को भेजे पत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार पर सवाल उठाया है।
सोनिया गांधी ने कहा कि ‘2024 के चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी की व्यक्तिगत, राजनीतिक और नैतिक हार हुई। खुद को ईश्वरीय शक्ति घोषित करने वाले पीएम मोदी के लिए ये चुनाव परिणाम उनकी घृणा की राजनीति का अस्वीकरण था। भाषणों में प्रधानमंत्री मोदी सहमति की बात करते हैं लेकिन टकराव का रास्ता अख्तियार करते हैं।
जब हमने कहा कि परंपरा के मुताबिक डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को मिलना चाहिए। लेकिन सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी। बल्कि प्रधानमंत्री ने इमरजेंसी का जिक्र किया और आश्चर्यजनक रूप से स्पीकर ने भी ध्यान भटकने के लिए वही किया। मार्च 1977 में इमरजेंसी लगाए जाने पर , देश की जनता ने अपना फैसला सुनाया जिसे स्वीकार किया गया था।
नीट घोटाले पर सोनिया गांधी बताया कि, नीट पेपर लीक ने हमारे लाखों युवाओं के जीवन पर कहर बरपाया है। जवाब में शिक्षा मंत्री की तत्काल प्रतिक्रिया यह थी कि जो कुछ हुआ है, उसकी गंभीरता को नकार दिया जाए। प्रधानमंत्री मोदी जो अपनी ‘परीक्षा पे चर्चा’ करते हैं, वे देश भर में इतने सारे परिवारों को तबाह करने वाले नीट पेपर लीक पर स्पष्ट रूप से चुप हैं।
सोनिया गांधी ने उल्लेख किया कि, प्रधानमंत्री ने चुनाव के दौरान अपने पद की मर्यादा के विपरीत, भाषण में झूठ बोला और सांप्रदायिक बातें कहीं। मणिपुर जलता रहा लेकिन प्रधानमंत्री वहां जाने का समय नहीं निकाल पाए।
‘Prime Minister Modi suffered personal, political and moral defeat in the 2024 elections: Sonia Gandhi.