दिल्ली, 17वीं लोकसभा की आखिरी बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा पांच वर्षों में देश में रिफॉर्म, परफॉर्म एंड ट्रांसफॉर्म, हुये, जो बहुत रेअर होता है। सत्रहवीं लोकसभा ने पांच वर्ष देश सेवा में जिस प्रकार से अनेक विविध महत्वपूर्ण निर्णय किए। अनेक चुनौतियों को सबने अपने सामर्थ्य से देश को उचित दिशा देने का प्रयास, एक प्रकार से ये आज का दिवस हम सबकी उन पांच वर्ष की वैचारिक यात्रा का, राष्ट्र को समर्पित उस समय का, देश को फिर से एक बार अपने संकल्पों को राष्ट्र के चरणों में समर्पित करने का ये अवसर है। ये पांच वर्ष देश में रिफॉर्म, परफॉर्म एंड ट्रांसफॉर्म, ये बहुत रेअर होता है, कि रिफार्म भी हो, परफॉर्म भी हो और हम ट्रांसफॉर्म होता अपनी आंखों के सामने देख पाते हों, एक नया विश्वास भरता हो। ये अपने आप में सत्रहवीं लोकसभा से आज देश अनुभव कर रहा है। और मुझे प…
इस कालखंड में जी 20 की अध्यक्षता का भार तो मिला, भारत को बहुत सम्मान मिला, देश के हर राज्य ने विश्व के सामने भारत का सामर्थ्य और अपने राज्य की पहचान बखूबी प्रस्तुत की, जिसका प्रभाव आज भी विश्व के मंच पर है। उसके साथ आपके नेतृत्व में जी 20 की तरह पी 20 का जो सम्मेलन हुआ और विश्व के अनेक देशों के स्पीकर्स यहां आए और मदर ऑफ़ डेमोक्रेसी भारत की इस महान परंपरा को देखा।
प्रधानमंत्री ने धारा 370, आर्टिकल 310 हटाने का जिक्र करते हुए कहा, जम्मू-कश्मीर के लोगों को सामाजिक न्याय से वंचित रखा गया था। आज हमें संतोष है कि सामाजिक न्याय का हमारा जो कमिटमेंट है, वो हमारे जम्मू-कश्मीर के भाई-बहनों को भी पहुंचा करके हम आज एक संतोष की अनुभूति कर रहे हैं।
आतंकवाद नासूर बनकर देश के सीने पर गोलियां चलाता रहता था। मां भारती की धरा आए दिन रक्तरंजित हो जाती थी। देश के अनेक वीर होनहार लोग, आतंकवाद के कारण बलि चढ़ जाते थे। हमने आतंकवाद के विरुद्ध सख्त कानून बनाए, इसी सदन ने बनाए। मुझे पक्का विश्वास है कि उसके कारण, जो लोग ऐसी समस्याओं के लिए जूझते हैं उनको एक बल मिला है। मानसिक रूप के अनुसार Confidence बढ़ा है। और भारत को पूर्ण रूप से आतंकवाद से मुक्ति का उसमें एक एहसास हो रहा है। और वो सपना भी सिद्ध हो कर रहेगा। हम 75 साल तक अंग्रेजों की दी हुई दंड संहिता में जीते रहे हैं। हम गर्व से कहेंगे देश को, नई पीढ़ी को कहेंगे, आप अपने पोती-पोती को कह सकेंगे गर्व से कि देश 75 साल भले ही दंड संहिता में जिया है लेकिन अब आने वाले पीढ़ी न्याय संहिता में जियेगी।
प्रधानमंत्री ने भावुक होते हुए कहा, 17वीं लोकसभा का ये अंतिम सत्र और अंतिम hour ही समझ लीजिए, है। लोकतंत्र और भारत की यात्रा अनंत है। अनेक और ये देश किसी purpose के लिए है, उसका कोई लक्ष्य है वो पूरी मानव जाति के लिए है। ऐसे ही अरविंद ने देखा हो, चाहे स्वामी विवेकानंद जी ने देखा हो। लेकिन आज उन शब्दों में, उस विज़न में सामर्थ्य था वो हम आंखों के सामने देख पा रहे हैं। दुनिया जिस प्रकार से भारत के महात्मय को स्वीकार कर रही है, भारत के सामर्थ्य को स्वीकारने लगी है, और इसको, इस यात्रा को हमें और शक्ति के साथ आगे बढ़ाना है।