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 शेवेनिंग इंटरनेशनल स्कॉलरशिप एवं डीआईटी यूनिवर्सिटी ने किया एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन।

देहरादून ,  डीआईटी विश्वविद्यालय में शेवेनिंग इंटरनेशनल स्कॉलरशिप एवं डीआईटी यूनिवर्सिटी के सहयोग से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।  कार्यशाला का शुभारम्भ सचिव राधिका झा, सचिव डॉ बीवीआरसी पुरूषोतम एवं शेवेनिंग भारत की प्रमुख सुप्रिया चावला एवं अन्य गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित विशेषज्ञों एवं उच्च अधिकारियों द्वारा उपस्थित छात्र/छात्राओं के सवालों का जवाब दिया। कार्यशाला में शेवेनिंग से स्कॉलरशिप प्राप्त कर रहे छात्रों द्वारा आनलाईन माध्यम से प्रतिभाग करते हुए अपने अनुभव साझा किया।
शेवनिंग स्कॉलरशिप यूके सरकार का अंतर्राष्ट्रीय छात्रवृत्ति कार्यक्रम है जो विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय द्वारा वित्त पोषित है।शेवेनिंग इंडिया दुनिया के सबसे बड़े शेवेनिंग कार्यक्रम का घर है। शेवेनिंग 1983 से भारत में छात्रवृत्ति और फ़ेलोशिप कार्यक्रम चला रहा है। इसने भारत भर के 3,800 से अधिक विद्वानों और अध्येताओं – जिनमें कई पहली पीढ़ी के शिक्षार्थी भी शामिल हैं – को यूके में विश्व स्तरीय शिक्षा और प्रशिक्षण प्राप्त करने के उनके सपने को साकार करने में मदद की है। इनमें से कई विद्वानों ने भारत की समृद्धि के लिए उल्लेखनीय योगदान दिया है।
    इस अवसर पर शेवेनिंग भारत की प्रमुख सुप्रिया चावला ने जानकारी देते हुए बताया कि  शेवेनिंग इंटरनेशनल स्कॉलरशिप प्रोग्राम के लिए राज्य सरकार के 10 डिग्री छात्र/छात्राओं को यूनाइटेड किंगडम में अध्ययन करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि शेवनिंग चार दशक से 160 देश में कार्य कर रही है। संगठन द्वारा उच्च शिक्षा के लिए छात्रों को इंग्लैंड के किसी भी विश्वविद्यालय में प्रवेश की सुविधा प्रदान की जाती है, जिसकी लागत आमतौर पर एक वर्ष के लिए 40 लाख रुपये होती है।

राज्य सरकार इस लागत में 20 लाख रुपये का योगदान देती है और शेवनिंग इंडिया शेष 20 लाख रुपये का योगदान देती है, जिससे बच्चों को विश्वविद्यालय में पढ़ाई में कुशल कौशल मिलता है। शेवेनिंग स्कॉलरशिप के लिए सफल छात्रों को उनकी नेतृत्व क्षमता और उत्कृष्टता के आधार पर चुना जाता है। शेवेनिंग ने दुनिया भर में कई कुलीन वर्ग से लीडर दिए हैं और परिवर्तन-निर्माताओं को तैयार किया है।
कार्यशाला में देहरादून के विभिन्न विश्वविद्यालयों (डीआईटी यूनिवर्सिटी, तुला इंस्टीट्यूट, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी, ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी, गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, एमकेपी कॉलेज, श्री देव सुमन यूनिवर्सिटी, हिमगिरी ज़ी यूनिवर्सिटी) के 100 छात्रों को लक्षित किया गया। आज आयोजित इस सहयोगात्मक कार्यक्रम ने प्रतिभागियों को उच्च शिक्षा के अवसरों को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान से सुसज्जित किया। इन छात्रों को नेतृत्व विकास, सॉफ्ट-कौशल वृद्धि और छात्रवृत्ति आवेदन रणनीतियों में मूल्यवान अंतर्दृष्टि भी प्रदान की गई।
कार्यक्रम में कुलपति, डीआईटीयू जी. रघुरामा,  प्रमुख, शेवनिंग स्कॉलरशिप, भारत और  प्रद्युम्न बोरा, वरिष्ठ कार्यक्रम एवं संबंध प्रबंधक, शेवनिंग स्कॉलरशिप, पर्यावरण अर्थशास्त्री, वेल लैब्स  अर्जुन शंकर द्वारा अपने विचार रखे तथा छात्र/छात्राओं को अपने-2 कार्यक्षेत्र के संघर्ष की जानकारी देते हुए छात्र/छात्राओं के सवालों का भी जवाब दिया। कार्यक्रम के दौरान डॉ. सैमुअल अर्नेस्ट रजिस्टर, डॉ. नवीन सिंघल, चीफ प्रॉक्टर और डीन एलुमनी रिलेशंस, अभिषेक सरकार मैनेजर सीडीसी विभाग,  विभोर शर्मा, डॉ. सुकन्या शर्मा, पारुल कालिया और सुरेंद्र दत्त अवस्थी आदि भी उपस्थित थे।
शेवेनिंग इंटरनेशनल स्कॉलरशिप एवं डीआईटी यूनिवर्सिटी ने किया एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन।

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