विज्ञान

अंतरिक्ष क्षेत्र को “मुक्त” करने से, स्पेस स्टार्टअप्स की संख्या मात्र एक अंक से बढ़कर 150 से अधिक हो गई है: केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह।

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज हैदराबाद में कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र को “मुक्त” करने से स्टार्टअप में तेजी आई है। इसके परिणामस्वरूप, बहुत ही कम समय में लगभग चार वर्षों में, स्पेस स्टार्टअप्स की संख्या मात्र एक अंक से बढ़कर 150 से अधिक हो गई है, जिसमें “स्काईरूट” जैसे स्टार्टअप प्रमुख उद्यमियों के रूप में परिवर्तित हो चुके हैं।

हैदराबाद में 60,000 वर्ग फुट के परिसर में स्काईरूट की सबसे बड़ी रॉकेट फैक्ट्री का दौरा करने के बाद डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्काईरूट न केवल भारत की उत्कृष्ट प्रतिभा और वैज्ञानिक कौशल का बेहतरीन उदाहरण है, बल्कि यह हम सभी के लिए यह संदेश भी है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सत्ता में आने से पहले भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के लिए खोलने की संभावनाएं निष्क्रिय पड़ी थीं। “स्काईरूट एयरोस्पेस” पहला अंतरिक्ष स्टार्टअप था जिसने तीन साल पहले अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी उद्यमियों के लिए खोल दिए जाने के बाद पिछले साल श्रीहरिकोटा में इसरो स्टेशन से एक निजी रॉकेट लॉन्च किया था। आईआईटी से उत्तीर्ण दो प्रमुख विशेषज्ञों पवन और भरत के नेतृत्व में अत्याधुनिक तकनीक के साथ भारत की सबसे बड़ी रॉकेट विकास सुविधा स्थापित की गयी है। यह मांग पर आधारित लागत के अनुरूप रॉकेट विकसित करने की क्षमता रखता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्काईरूट के विक्रम-1 कक्षीय रॉकेट का भी अनावरण किया। भारतीय निजी अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक और मील का पत्थर है। आशा है कि विक्रम-1 भारत के लिए महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि देश ने 2020 में एक ऐतिहासिक सुधार के अंतर्गत अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी उद्यमियों के लिए खोल दिया था।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत के अंतरिक्ष मिशन मानव संसाधन और कौशल पर आधारित लागत के अनुरूप डिज़ाइन किए गए हैं। उन्होंने कहा कि “अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन” वैज्ञानिक अनुसंधान में एक बड़े सार्वजनिक निजी भागीदारी प्रारूप के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा और हमें नये क्षेत्रों में नवीन अनुसंधान का नेतृत्व करने वाले चुनिंदा विकसित देशों की श्रेणी में शामिल कर देगा। नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) बजट में पांच वर्षों में 50,000 करोड़, रुपये के खर्च का अनुमान लगाया गया है। इसमें से एक बड़ा हिस्सा 70 प्रतिशत से अधिक यानी 36,000 करोड़ रुपये गैर-सरकारी स्रोतों, उद्योगों, जनहितैषियों और घरेलू तथा बाहरी स्रोतों से आने का अनुमान है।

Related posts

ISRO is working towards setting up the country’s first space station as soon as possible.

Dharmpal Singh Rawat

पीएम मोदी के नेतृत्व में, भारत अब दुनिया को नवीन प्रौद्योगिकियों में आगे बढ़ा रहा है: डॉ. जितेंद्र सिंह।

Dharmpal Singh Rawat

WHAT IS ISRAEL IRON DOME?

Dharmpal Singh Rawat

Leave a Comment