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उच्चतम न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल विस्तार को अवैध ठहराया।

देहरादून 11 जुलाई 2023,

दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार द्वारा किए गए, प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल विस्तार को अवैध ठहरा दिया है। उच्चतम न्यायालय ने लंबित काम निपटाने के लिए 31 जुलाई 2023 तक का समय दिया है। प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक के कार्यकाल के विस्तार को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाएं दाखिल की गई थीं। याचिकाओं में निदेशक संजय कुमार मिश्रा के सेवा विस्तार को अवैध बताया गया था।

न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक के कार्यकाल को अधिकतम पांच साल तक बढ़ाने के लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम और दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम में संशोधन की बात कही है। अदालत ने कहा है कि सरकार कानून बनाकर कार्यकाल में विस्तार कर सकती है, लेकिन अध्यादेश लाकर ऐसा करना वैध नहीं है।

संजय कुमार मिश्रा को नवंबर 2018 में प्रवर्तन निदेशालय के पूर्णकालिक प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था। उनका 2020 में पहली बार एक साल का सेवा विस्तार देकर 18 नवंबर, 2021 तक एक साल के लिए कार्यकाल बढ़ाया गया। फिर 2021 में कार्यकाल समाप्त होने से एक दिन पहले ही उन्हें दोबारा सेवा विस्तार दिया गया। 17 नवंबर 2022 को संजय कुमार मिश्रा का दूसरा सेवा विस्तार खत्म होने से पहले ही कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने एक वर्ष 18 नवंबर 2023 तक के लिए सेवा विस्तार को मंजूरी दे दी थी।

प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक के कार्यकाल के विस्तार को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाएं दाखिल की गई थीं। इनमें उनके सेवा विस्तार को अवैध ठहराया गया था। उच्चतम न्यायालय ने आठ मई को प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक के कार्यकाल के विस्तार को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। जस्टिस बीआर गवई, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और जस्टिस संजय करोल की बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था।

 

 

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