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प्रदेश में शिक्षकों के तबादलों की प्रक्रिया हुई अब शुरू, इस साल नहीं होंगे ऑनलाइन

प्रदेश में शिक्षकों के तबादलों की प्रक्रिया शुरू हो गई है, लेकिन इस साल शिक्षकों के ऑनलाइन तबादले नहीं होंगे। यह हाल तब है, जबकि शिक्षकों और छात्रों से जुड़े सभी आंकड़े ऑनलाइन करने के लिए निदेशालय में पांच करोड़ की लागत से विद्या समीक्षा केंद्र की स्थापना की गई है।

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि हरियाणा की तर्ज पर नई तबादला नीति बनने में हो रही देरी से इस साल ऑफलाइन तबादले होंगे। गुजरात और गोवा के बाद उत्तराखंड देश का तीसरा ऐसा राज्य है, जिसने विद्या समीक्षा केंद्र की स्थापना की है। जिसके माध्यम से शिक्षा विभाग का पूरा डाटा ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाना था। विद्यालय, शिक्षकों और छात्रों का पूरा विवरण एवं प्रदेश के विद्यालयों में उपलब्ध संसाधनों का डाटा इसमें शामिल होना था। हर दिन शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति इसके माध्यम से दर्ज होनी थी।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पिछले साल 12 सितंबर 2023 को इसका लोकार्पण कर चुके हैं। तब दावा किया गया था कि इसके माध्यम से शिक्षकों के नए शिक्षा सत्र से ऑनलाइन तबादले किए जाएंगे, लेकिन विभाग की ओर से इसे लेकर अब तक कोई तैयारी नहीं है।

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि तबादला एक्ट की जगह सरकार हरियाणा की तर्ज पर नई तबादला नीति बनाने जा रही है।जिसे मंजूरी के लिए कार्मिक विभाग को भेजा गया है। विभाग की ओर से इस नई तबादला नीति का इंतजार किया जा रहा था। यही वजह रही कि पूरे साल शिक्षकों के ऑनलाइन तबादलों पर काम नहीं हुआ।
15 प्रतिशत शिक्षकों के होंगे तबादले

प्रदेश में 15 प्रतिशत शिक्षकों के तबादले होंगे। तबादला एक्ट के तहत तबादले दुर्गम से सुगम और सुगम से दुर्गम क्षेत्र के विद्यालयों में किए जाएंगे।

तबादलों को लेकर समय-सारणी सभी विभागों, शासन स्तर, मंडल स्तर और जनपद स्तर पर तबादला समितियों का गठन-एक अप्रैल तक।

सुगम और दुर्गम क्षेत्रों की सूची विभाग की वेबसाइट पर प्रदर्शित-15 अप्रैल, अनिवार्य तबादलों के पात्र कार्मिकों से 10 इच्छित स्थानों के लिए विकल्प-20 अप्रैल,अनुरोध के आधार पर तबादलों के लिए आवेदन आमंत्रित करना-30 अप्रैल, तबादला समिति की बैठक-25 मई, तबादला आदेश जारी करना-10 जून, चुनाव में डयूटी के चलते तय समय पर तबादले करना चुनौती ।

तबादला एक्ट के तहत सभी विभागों में तबादलों को लेकर विभाग, शासन, मंडल और जिला स्तर पर तबादला समितियों का गठन एक अप्रैल तक हो जाना चाहिए था, लेकिन शिक्षा विभाग में अभी तबादला समिति गठित नहीं हो पाई है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अधिकारियों और कर्मचारियों की चुनाव में डयूटी की वजह से भी इसमें देरी हो रही है। ऐसे में तय समय पर तबादला करना विभाग के लिए चुनौती बनी है।

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