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इंदौर में धड़ मिला तो देहरादून में हाथ-पैर, ट्रेन से भेजा महिला के शव का पार्सल

 

देहरादून: मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में दो दिन पहले एक सनसनी मामला सामने आया था.. इंदौर रेलवे स्टेशन के यार्ड में खड़ी इंदौर-नागदा पैसेंजर ट्रेन में एक युवती का काटा हुआ शव मिला था.. इस कटे हुए शव के मामले में अब नया खुलासा हुआ है..युवती के दोनों हाथ और पैर देहरादून में मिले हैं… शरीर के यह टुकड़े उज्जैनी एक्सप्रेस ट्रेन से बरामद किए गए हैं… हालांकि लाश की अब तक शिनाख्त नहीं हो सकी है…

 

कटे हुए हाथ में मीरा बेन और गोपाल भाई लिखा हुआ है.. बता दें कि उज्जैनी एक्सप्रेस शनिवार दोपहर इंदौर के लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन से निकली थी और रविवार शाम देहरादून पहुंची थी..हाथ-पैर देहरादून में मिलने से पुलिस की जांच की दिशा बदल गई है…अब इंदौर जीआरपी और देहरादून जीआरपी मिलकर इस केस में जांच कर रही हैं…दरअसल, रविवार को इंदौर-नागदा पैसेंजर ट्रेन में युवती का कटा हुआ शव मिला था, उसके दोनों हाथ और पैर गायब थे… जिसके बाद पुलिस ने आसपास सर्च अभियान चलाया था लेकिन उसे कुछ बरामद नहीं हुआ था…

 

 

जीआरपी टीआई संजय शुक्ला के मुताबिक जिन दो ट्रेनों में महिला के हिस्से मिले हैं, वे दोनों ट्रेनें लक्ष्मीबाई नगर से निकलती हैं। इसलिए माना जा सकता है कि दोपहर में हाथ और पैर उज्जैनी एक्सप्रेस में रखे गए होंगे…इसके बाद रात में नागदा से महू होते हुए इंदौर आने वाली पैसेंजर ट्रेन में शव के दो टुकड़े रखे होंगे… दोनों ट्रेनों में यहीं से शव के टुकड़ों को तीन अलग-अलग पार्सल में रखा गया होगा…

 

टीआई शुक्ला के मुताबिक युवती के हाथ पर मीरा बेन और गोपाल भाई लिखा हुआ है, जिससे यह प्रतीत होता है कि महिला गुजरात व मध्यप्रदेश के सरहदी जिलों की रहने वाली हो सकती है… जीआरपी पुलिस की एक टीम गुजरात व मध्यप्रदेश से लगे जिलों में लापता महिलाओं की जानकारी निकालने में जुटी हुई है। फिलहाल ट्रेनें में लाश मिलने का मामला अभी तक सुलझ नहीं पाया है।

 

 

 

सोमवार दोपहर ऋषिकेश के वॉशिंग लाइन में लक्ष्मीबाई नगर-योग नगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस (14317) ट्रेन की सफाई चल रही थी। ट्रेन रविवार शाम करीब 7 बजे मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित लक्ष्मी बाई नगर स्टेशन से आई थी जो यहां से करीब 1100 किलोमीटर दूर है। स्टाफ जब दो स्लीपर कोच के बीच पैसेज एरिया से गुजरे तो उन्हें बदबू लगी। बदबूदार सामान तलाशने पर उन्हें काले रंग के एक तौलिए में मानव अंग मिले। सूचना देहरादून जीआरपी को दी गई। तलाशी पर वहां दो हाथ और दो पैर मिले। जीआरपी अधिकारियों के पास शुरुआत में कोई सुराग नहीं था। उन्होंने अपने समकक्षों को इंदौर में फोन लगाया। तब उन्हें पता चला कि इंदौर रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात करीब 11 बजे को एक पैसेंजर ट्रेन से एक महिला के सिर और धड़ मिले हैं, जबकि हाथ और पैर गायब थे। पुलिस यह समझ चुकी थी कि हाथ और पैर उसी लाश के हैं। इस संबंध में इंदौर में आईपीसी की धारा 302 और 201 के तहत केस दर्ज किया गया है। देहरादून जीआरपी स्टेशन के एसएचओ त्रिवेंद्र सिंह राणा ने कहा, ‘हाथ और पैर की संख्या चार है। हमें एक हाथ पर टैटू भी मिला है, जिससे महिला का नाम मीराबेन मालूम होता है। नाखूनों पर नेल पेंट लगा है। इंदौर जीआरपी ने इस बात की पुष्टि की है कि हाथ और पैर उसी लाश के हैं जिनके अंक उन्हें शनिवार रात पैसेंजर ट्रेन से मिले।’ उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक एक्सपर्ट ने अंगों की जांच की है और इंदौर जीआरपी को जांच में सहयोग किया जाएगा। इंदौर जीआरपी एसएचओ संजय शुक्ला ने कहा, ‘प्रथम दृष्टया यह साफ है कि ऋषिकेश में जो अंग मिले हैं वे उसी शव के हिस्से हैं जो हमें इंदौर में ट्रेन से मिला। फिर भी हम पुष्टि के लिए डीएनए जांच कराएंगे। लेकिन यह तभी होगा जब महिला की पहचान हो जाती है। क्षत विक्षत शव नागदा-महू (डॉक्टर अंबेडकर नगर) पैसेंजर ट्रेन से बरामद किया गया। महू जाते हुए ट्रेन 7:45 पर इंदौर पहुंची थी। ट्रेन सफाई और रखरखाव के लिए रात 10 बजे इंदौर वापस आती है। शनिवार रात जब ट्रेन वापस आई और सभी यात्री उतर गए। ट्रेन को यार्ड में ले जाया गया। रात करीब 11 बजे सफाई कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें टुकड़ों में बंटी लाश मिली है।’

शव के हिस्सों को सीट के नीचे दो बैग्स में रखा गया था। सिर और शरीर का ऊपरी हिस्सा एक ट्ऱॉली बैग में था जबकि जांघों को एक प्लास्टिक पैक में बंद किया गया था। शव कुछ दिन पुराना प्रतीत हो रहा था। माथे पर एक बिंदी थी। शुक्ला ने कहा कि ऋषिकेश में जिस ट्रेन से शव के टुकड़े मिले हैं वह लक्ष्मी बाई नगर से शनिवार को 3:15 पर रवाना हुई थी और अगले दिन शाम को गंतव्य तक पहुंची। शुक्ला ने कहा कि उनकी प्राथमिकता मृतक महिला की पहचान है। जिन स्टेशनों से दोनों ट्रेनें गुजरती हैं वहां के सीसीटीवी कैमरों की जांच चल रही है।

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