तिरंगा
तिरंगा देश की शान है तू..
तिरंगा देश का मान भी तू ।
ये देश अखण्ड रहे हमारा,
तिरंगा देश-प्रेम का नारा ॥
15 अगस्त 1947 की आजादी,
शहीदों की कुर्बानी का थी मोल।
तीन रंग में सिमटी बलिदान
तारणहार है तू बन जाता ॥
यूक्रेन में फंसे जब तेरे प्यारे,
लगे पार सब तेरे ही सहारे।
तिरंगे में लिपट शान से सैनिक।
जान गंवा कर भी अमर कहाते ॥
तीन रंग को दिल में बसाकर,
खेल खिलाड़ी जी जान लगाते।
स्वर्ण पदक के ढेर लगा कर
भारत माँ की सरहद पर है।।
सबमें देशप्रेम की अलख जगाते।
भारत माँ का आँचल प्यारा।
अटल हिमालय सा ऊँचा तू ॥
गंगोत्री सा पावन न्यारा ।
वह देश मुकुट हमारा ॥
कवयित्री,
डॉ. पुष्पा खंडूरी
प्रोफेसर, डीएवी (पीजी) कॉलेज देहरादून,
उत्तराखंड।