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Uttarakhand Assembly Monsoon Session 2021 Second Day: Question Satra Main Issue – उत्तराखंड विस सत्र प्रश्न काल: पेट्रोल-डीजल पर कम नहीं होगा राज्य टैक्स, ये मुद्दे भी उठे

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सार

सत्र के दूसरे दिन कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन के बढ़ती महंगाई के प्रश्न के जवाब में संसदीय कार्य मंत्री बंशीधर भगत ने सदन को अवगत कराया कि एलपीजी रसोई गैस पर टैक्स निर्धारित जीएसटी के दायरे में है।

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पेट्रोल और डीजल की बढ़ती दरों पर सरकार ने साफ कर दिया कि इनके ऊपर राज्य टैक्स कम नहीं होगा। कोविड महामारी के कारण सरकार के राजस्व पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। पेट्रोल व डीजल पर राज्य की ओर से लगाए गए टैक्स को कम करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। 

सत्र के दूसरे दिन कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन के बढ़ती महंगाई के प्रश्न के जवाब में संसदीय कार्य मंत्री बंशीधर भगत ने सदन को अवगत कराया कि एलपीजी रसोई गैस पर टैक्स निर्धारित जीएसटी के दायरे में है। एलपीजी पर टैकस कम करना जीएसटी परिषद के अधीन आता है। वर्तमान में पेट्रोल पर राज्य टैक्स 25  प्रतिशत या 19 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 17.48 प्रतिशत या 10.41 रुपये प्रति लीटर लिया जा रहा है। पेट्राल व डीजल पर राज्य कर को कम करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

एलपीजी पर टैक्स दर को कम के लिए सरकार की ओर से वर्तमान में केंद्र सरकार कोई बात नहीं हुई है। जीएसटी में एलपीजी पर 9 प्रतिशत  टैक्स लिया जाता है। सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने कहा कि सरकार को अपनी आमदनी की चिंता है, लेकिन कोविड महामारी के कारण लोगों का रोजगार छीन गया है। ऊपर से महंगाई की मार से लोगों का जीना मुश्किल हो गया। इसके बाद भी सरकार को आम लोगों की चिंता नहीं है।

संसदीय कार्य मंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में भूमिहीन की श्रेणी के लिए 10 नाली यानी 0.5 एकड़ जमीन के मानक निर्धारित हैं। जिन किसानों के पास 10 नाली तक जमीन है, वे भूमिहीन की श्रेणी में आएंगे। विधानसभा सत्र के दूसरे दिन प्रश्न काल में कांग्रेस विधायक मनोज रावत के प्रश्न के जवाब में संसदीय कार्य मंत्री ने सदन को अवगत कराया कि भूमिहीन किसानों के लिए सरकार की ओर से कई योजनाएं शुरू की गई हैं। ब्याज मुक्त ऋण के साथ आवासीय भूमि भी दी जा रही है। छोटे किसानों को बिना ब्याज के ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में जिन किसानों के पास 10 नाली जमीन है, वे भूमिहीन की श्रेेणी में आएंगे। मैदानी क्षेत्रों में भूमिहीन किसानों का आंकड़ा संकलित किया जा रहा है।

पुराने नलकूपों का कराया जाएगा परीक्षण
सहसपुर के विधायक सहदेव सिंह पुंडीर के प्रश्न के जवाब में सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने सदन को अवगत कराया कि सहसपुर क्षेत्र में बंद पड़े पुराने नलकूपों की जगह नए नलकूप लगाने के लिए परीक्षण कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में सहसपुर विधानसभा के अंतर्गत 13.73 लाख की लागत से तीन सिंचाई गूलों का कार्य कराया गया। जबकि वित्तीय वर्ष 2021-22 में 30.42 लाख लागत से छह सिंचाई गूलों का कार्य व सुधारीकरण प्रस्तावित है।

बाढ़ सुरक्षा कार्य न होने की कराएंगे जांच
सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि जसपुर क्षेत्र में ढेला व फीका नदी से बाढ़ से कृषि भूमि को नुकसान पहुंचता है। दोनों नदियों में संवेदनशील क्षेत्रों में बाढ़ सुरक्षा के कार्य किए गए हैं। मौके पर बाढ़ सुरक्षा कार्य न होने की जांच कराएगी जाएगी। कांग्रेस विधायक आदेश सिंह चौहान की ओर से उठाए गए प्रश्न के जवाब में सिंचाई मंत्री ने सदन को अवगत कराया कि वर्ष 2019-20 में जसपुर क्षेत्र में फीका नदी पर 11.55 लाख रुपये की लागत से बाढ़ सुरक्षा कार्य किए गए हैं।

गंगा प्रबंधन बोर्ड का गठन का प्रस्ताव भेजा
झबरेड़ा से भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल के प्रश्न के जवाब में सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने सदन में कहा कि उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 के तहत गंगा व उसकी सहायक नदियों के में जल प्रबंधन के लिए गंगा प्रबंधन बोर्ड का गठन किया जाना है। इस बोर्ड का गठन केंद्र सरकार के स्तर से किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने बोर्ड का प्रस्ताव केंद्र को भेज दिया है।

टिहरी झील के आसपास खतरे वाले स्थानों पर जान माल की सुरक्षा के लिए टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (टीएचडीसी) के माध्यम से तारबाढ़ और टीन शेड का निर्माण कराया जाएगा। 2017 से लेकर अब तक झील में डूबने से 14 लोगों और एक मवेशी की मौत हुई है।

मंगलवार को धनोल्टी के विधायक प्रीतम सिंह पंवार के प्रश्न के जवाब में सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश पर संयुक्त सचिव ऊर्जा मंत्रालय की अध्यक्षता में हुई बैठक में झील के आसपास सुरक्षा के लिए खतरे वाले स्थानों पर तारबाढ़ व टीन शेड निर्माण पर सहमति बनी थी। इसके लिए ग्राम सभाओं की ओर से प्रस्ताव भेजे जाने थे। लेकिन किसी भी ग्राम सभा से प्रस्ताव नहीं मिला है। टीएचडीसी के माध्यम से सुरक्षा कार्यों के लिए धनराशि दी जाएगी।

सड़क निर्माण के लिए लागू नहीं होगी पुरानी व्यवस्था
लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में सड़क निर्माण के लिए पुरानी व्यवस्था को लागू नहीं किया जाएगा। कांग्रेस विधायक करन माहरा के प्रश्न के जवाब में महाराज ने सदन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में नई सड़कों के निर्माण को दो चरणों में बांटा गया है। पहले चरण में पहाड़ का कटान, बैक कटिंग लाइन व पिलर्स, मक डिस्पोजल के कार्य किए जाएंगे। जबकि दूसरे चरण में पहाड़ कटान के अवशेष कार्य, रिटेनिंग वॉल, आरसीसी, कल्वर्ट, छोटे ब्रिज, ड्रेनेज का कार्य की व्यवस्था की गई है। पहले चरण के कार्य पूरे होने के बाद दूसरे चरण के कार्यों को शुरू किया जाएगा।

लैंड बैंक की कमी, फॉरेस्ट क्लीयरेंस के 416 मामले
भाजपा विधायक खजान दास के प्रश्न के जवाब में लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने सदन को अवगत कराया कि राज्य गठन से अब तक सड़क निर्माण के लिए फॉरेस्ट क्लीयरेंस के 416 मामले लंबित है। प्रदेश में लैंड बैंक की कमी है। सड़क निर्माण के लिए जितनी भूमि ली जाती है, उतनी ही भूमि सरकार को देनी पड़ती है। महाराज ने कहा कि प्रस्तावित सड़कों के लिए फॉरेस्ट क्लीयरेंस लेने के लिए वन विभाग से कार्यवाही चल रही है। वहीं, भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने भी मंत्री से प्रश्न किया कि फॉरेस्ट क्लीयरेंस के ऐसे कितने मामले हैं, जिसमें क्षतिपूर्ति पौधरोपण के लिए भूमि उपलब्ध नहीं है। इस पर मंत्री ने जानकारी एकत्रित कर उपलब्ध कराने की बात कही।

गंग नहर पर पुल निर्माण के लिए यूपी से उठाएंगे मामला
कांग्रेस विधायक फुरकान अहमद के प्रश्न पर लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पिरान कलियर शहर और दरगाह के बीच गंग नहर पर बना पुल उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के अधीन है। इस पुल पर भारी वाहनों की आवाजाही बंद है। पुराने पुल से 100 मीटर टाउन स्ट्रीम में प्रदेश सरकार ने नया पुल का निर्माण किया है। इस मामले को उत्तर प्रदेश से उठाया जाएगा।

टिहरी बांध विस्थापितों को प्रति परिवार 74 लाख मिलेंगे
विधायक धन सिंह नेगी के प्रश्न पर सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि राज्य गठन के 20 वर्षों के बाद टिहरी बांध के 415 विस्थापितों की समस्या का समाधान नहीं हुआ है। 22 जनवरी 2021 को दिल्ली में ऊर्जा मंत्री आरके सिंह के साथ हुई बैठक में प्रति परिवार को भूमि के बदले 74 लाख रुपये की राशि दी जाएगी। जल्द ही विस्थापितों को यह पैसा मिलेगा।

विस्तार

पेट्रोल और डीजल की बढ़ती दरों पर सरकार ने साफ कर दिया कि इनके ऊपर राज्य टैक्स कम नहीं होगा। कोविड महामारी के कारण सरकार के राजस्व पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। पेट्रोल व डीजल पर राज्य की ओर से लगाए गए टैक्स को कम करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। 

सत्र के दूसरे दिन कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन के बढ़ती महंगाई के प्रश्न के जवाब में संसदीय कार्य मंत्री बंशीधर भगत ने सदन को अवगत कराया कि एलपीजी रसोई गैस पर टैक्स निर्धारित जीएसटी के दायरे में है। एलपीजी पर टैकस कम करना जीएसटी परिषद के अधीन आता है। वर्तमान में पेट्रोल पर राज्य टैक्स 25  प्रतिशत या 19 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 17.48 प्रतिशत या 10.41 रुपये प्रति लीटर लिया जा रहा है। पेट्राल व डीजल पर राज्य कर को कम करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

एलपीजी पर टैक्स दर को कम के लिए सरकार की ओर से वर्तमान में केंद्र सरकार कोई बात नहीं हुई है। जीएसटी में एलपीजी पर 9 प्रतिशत  टैक्स लिया जाता है। सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने कहा कि सरकार को अपनी आमदनी की चिंता है, लेकिन कोविड महामारी के कारण लोगों का रोजगार छीन गया है। ऊपर से महंगाई की मार से लोगों का जीना मुश्किल हो गया। इसके बाद भी सरकार को आम लोगों की चिंता नहीं है।


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पर्वतीय क्षेत्रों में 10 नाली जमीन भूमिहीन की श्रेणी में 

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