उत्तरकाशी जनपद की चीन सीमा से लगा जादूंग गांव फिर से आबाद होगा।
गांव में खंडहर हो चुके घरों के जीर्णोद्धार की योजना पर काम शुरू हो गया है।
केंद्र व राज्य सरकार की सीमांत गांव को दोबारा बसाने की योजना
वास्तुविद् केसी कुड़ियाल ने गांव में बने पुराने घरों के जीर्णोद्धार के लिए उनका अवलोकन किया
गांव में छह भवन खंडहर हो चुके हैं
जिनके जीर्णोद्धार के साथ कुल दस घर तैयार किए जाएंगे।
इसके लिए जल्द ही डीपीआर तैयार की जाएगी
केंद्र सरकार ने देश के सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए वाइब्रेंट विलेज योजना तैयार की है
इसी योजना के तहत यहां चीन सीमा से लगे जादूंग गांव को फिर से बसाने की योजना है
गांव के जीर्णोद्धार के लिए प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग ने वास्तुविद् केसी कुड़ियाल की कंपनी केसी कुड़ियाल एंड एसोसिएट्स को जिम्मेदारी सौंपी है।
गांव का दौरा कर लौटे वास्तुविद् कुड़ियाल ने बताया कि जादूंग गांव में वर्तमान में छह घर हैं।
लकड़ी और पत्थर से बने ये सभी घर खंडहर हो चुके हैं
जाड़-भोटिया समुदाय के यहां स्थित लाल देवता मंदिर सहित कुछ अन्य मंदिरों को भी संवारा जाएगा
राज्य सरकार गांव के जीर्णोद्धार के लिए दस करोड़ का बजट खर्च करने को तैयार है।
गांव के आबाद होने से क्षेत्र में पर्यटन के साथ सामरिक मजबूती भी मिलेगी।
भारत-चीन सीमा पर कभी नेलांग व जादूंग गांव आबाद हुआ करते थे
जिसमें जाड़-भोटिया समुदाय के करीब 50 परिवार निवास करते थे।
लेकिन 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान इन दोनों गांवों को खाली कराया गया।
नेलांग गांव में अब ज्यादातर क्षेत्र में आईटीबीपी व सेना काबिज है जिसके चलते यहां पुराने घर नहीं बचे हैं
यहां पर्यटकों को रात में रुकने की इजाजत नहीं है।
वहीं पर्यटन विभाग घरों का जीर्णोद्धार कर इनमें होमस्टे संचालित करने की बात कह रहा है।