देहरादून 23 मई 2022,
जिनेवा: भारत की दस लाख महिला आशा कार्यकर्ताओं को देश में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने और कोरोनाकाल में महामारी पर लगाम लगाने के प्रयासों के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सम्मानित किया है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वास्थ्य मंत्री ने आशा कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं दी हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आशा कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं देते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, मुझे इस बात की खुशी है कि आशा कार्यकर्ताओं की पूरी टीम को डब्ल्यूएचओ महानिदेशक के ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड से सम्मानित किया गया है। सभी आशा कार्यकर्ताओं को बधाई। वे एक स्वस्थ भारत सुनिश्चित करने में सबसे आगे हैं। उनका समर्पण और दृढ़ संकल्प सराहनीय है।
स्वास्थ्य मंत्री ने भी दी शुभकामनाएं,
ट्विटर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी आशा कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा, आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य सेवा वितरण में सबसे आगे हैं। उन्होंने कोविड-19 की रोकथाम और प्रबंधन के लिए देश में अग्रणी भूमिका निभाई।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डा. टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसिस ने वैश्विक स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय योगदान, क्षेत्रीय स्वास्थ्य मुद्दों के लिए प्रतिबद्धता और शानदार नेतृत्व करने के लिए रविवार को छह पुरस्कारों की घोषणा की। डा.टेड्रोस ने ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड्स के लिए पुरस्कार विजेताओं का फैसला किया। आशा कार्यकर्ताओं के सम्मान समारोह में उन्होंने कहा कि ‘आशा’ का हिंदी अर्थ होप है। भारत की इन दस लाख से अधिक महिला स्वयंसेवकों ने समुदाय को स्वास्थ्य प्रणाली से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसलिए ये सम्मान की वास्तविक हकदार हैं।
कोरोना महामारी के दौरान इनका कार्य बेहद सराहनीय रहा है। इन आशा कार्यकर्ताओं ने बच्चों में होने वाली बीमारियों को रोकने के लिए टीकाकरण, मातृ देखभाल में भी काम किया है। यही नहीं, सामुदायिक स्वास्थ्य देखभाल, तपेदिक के उपचार, पोषण और स्वच्छता के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। खासकर ऐसे समय में जब दुनिया असमानता, संघर्ष, खाद्य असुरक्षा और कोरोना के संकट का सामना कर रही है। उन्होंने कहा कि इन पुरस्कार विजेताओं में आजीवन समर्पण और मानवता की निस्वार्थ सेवा शामिल है।
अन्य उल्लेखनीय सम्मानों में अफगानिस्तान के पोलियो टीकाकरण कर्मियों की टीम थी, जिन्हें इस साल फरवरी में देश के तखर और कुंदुज प्रांतों में सशस्त्र बंदूकधारियों ने मार डाला था। उत्तर-पूर्वी अफगानिस्तान में घर-घर के अभियानों के माध्यम से हजारों बच्चों तक पहुंच रही थीं।
अफगानिस्तान की इस टीम को सम्मानित किया गया है। अफगानिस्तान और पाकिस्तान में पोलियो ग्रसितों की संख्या अन्य देशों की अपेक्षा ज्यादा है। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के कुछ हिस्सों से पोलियो वायरस को समूल नष्ट करने के प्रयासों को आतंकवादियों द्वारा बाधित किया गया है। आतंकवादी इन अभियानों का विरोध करते हैं, वे दावा करते हैं कि पोलियो की बूंदें बांझपन का कारण बनती हैं।
अन्य सम्मानों में हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में वैश्विक स्वास्थ्य और सामाजिक चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष और अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन पार्टनर्स इन हेल्थ के सह-संस्थापक डॉ पॉल फार्मर शामिल हैं, जिनका इस साल फरवरी में रवांडा में निधन हो गया।